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अप्रैल, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रिंसेज फूल कुमारी की कहानी-Princess Phul kumari ki kahani

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 प्रिंसेज फूल कमारी की कहानी:- Princess Phul Kumari ki kahani एक बहुत ही प्यारे प्रदेश के राजा की एक प्यारी सी बेटी थी उनकी बेटी पर ईश्वर की विशेष कृपा थी जब भी हंसती थी तो पूरा आसमान फूल पौधे चिड़िया सभी मुस्कुराने लगते थे उसकी खिलखिला हट से पूरे नगर में रौनक बनी रहती थी जब भी वह उदास होती थी तो चारों तरफ मायूसी छा जाती थी एक दिन वह किसी बात को लेकर बहुत दुखी थी और वह ऐसे ही दुखी रहने लगी जिसके कारण चारों तरफ मायूसी छा गई राजा बहुत परेशान और दुखी हो गए कि अब उनकी बेटी को कैसे हटाया जाए उन्होंने बहुत प्रयास किया कि उनकी बेटी खुश हो जाए पर ऐसा वह कर ना सके तब उन्होंने पूरे नगर में यह ऐलान कर दिया कि जो भी उनकी पुत्री को हंसाने में कामयाब होगा उससे वह अपनी पुत्री की शादी करा देंगे यह घोषणा सुनकर बहुत सारे लोगों ने कोशिश की पर कोई भी राजकुमारी को हंसाना सका जब राजा मायूस हो गए तभी उनके दरवाजे पर एक अजीब सा इंसान आया जिसने बहुत ही अजीबोगरीब पुलिया बना रखा था और वह बकरे पर बैठकर आया था जिसे देखकर सभी लोग हंसने लगे उसने कहा कि वह राजकुमारी को जरूर हस आएगा राजा ने उसकी बात मान ले सभा लगाई गई

साधु और बिच्छू की कहानी -Sadhu aur Bichhu ki kahani

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 एक साधु नदी में स्नान करने गए थे उनके साथ उनका एक शिष्य भी था नदी में स्नान करते वक्त साधु को धारा में एक बिच्छू बहता हुआ नजर आया जोकि अपने जीवन के लिए नदी में संघर्ष कर रहा था महात्मा ने उसे डूबते हुए देखा तो अपने स्वभाव के अनुसार वे उसे बचाने के लिए चले गए उन्होंने जैसे ही बिच्छू को बचाने के लिए अपनी हथेली नीचे लगाई तो बिच्छू ने उन्हें डंक मार दिया वह दर्द से तड़प उठे और उनका हाथ छूट गया इस तरह बिच्छू पुनः जल में फिर से गिर गया पर फिर भी महात्मा ने हार नहीं मानी वह बार-बार प्रयास करते रहे और बिच्छू उन्हें बार-बार डंक मारता रहा महात्मा ने सोचा कि ऐसे वह बिच्छू को नहीं बचा पाएंगे इसलिए उन्होंने आखिरी में बिच्छू को एक ही झटके में निकाल कर बाहर किनारे पर फेंक दिया वह जानते थे कि पानी से बाहर निकलने के बाद बिच्छू अपना ख्याल खुद रख लेगा उनका यह सब प्रक्रम उनका शिष्य देख रहा था टीचर ने महात्मा से पूछा कि जब वह बिच्छू आपको बार-बार डंक मार रहा था तो आपने उसे बचाने की कोशिश क्योंकि आप उसे छोड़ भी तो सकते थे तब महात्मा ने मुस्कुराते हुए अपने शिष्य को समझाया बिच्छू का प्रवृत्ति डंक मारना है और

व्यायाम के लाभ -Vyayam ke labh

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 व्यायाम के लाभ:-vyayam ke labh श्रेष्ठ स्वास्थ्य शरीर की शोभा को बढ़ाता है जो स्वस्थ रहता है वह सदा प्रसन्न रहता है स्वास्थ्य के बिगड़ जाने पर शरीर को अनेक प्रकार के रोग घेर लेते हैं अतः शरीर का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है व्यायाम करने वाला व्यक्ति कभी रोगी नहीं होता व्यायाम कई प्रकार से किया जाता है बच्चे खेल कूद दौड़ कबड्डी आदि खेल कर व्यायाम कर सकते हैं तैरना दंड बैठक योगासन फुटबॉल हॉकी क्रिकेट आधी खेलना युवकों के व्यायाम करने के उत्तम साधन हैं उन्हें व्यक्ति सरकार के व्यायाम का लाभ प्राप्त कर सकते हैं स्त्रियों का घर के कामकाज से व्यायाम हो जाता है व्यायाम करने से शरीर चुस्त दुरुस्त हो जाता है तनमन में स्फूर्ति बनी रहती है इससे आलस दूर होता है और काम में मन लगता है भोजन शीघ्र पहुंच जाता है पाचन शक्ति ठीक रहती है पसीना आने से शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है रक्त का संचार ठीक प्रकार से होकर शरीर निरोग और स्वस्थ बना रहता है व्यायाम करने के लिए आवश्यक है कि व्यायाम प्रतिदिन नियम पूर्वक किया जाए उतना ही किया जाना चाहिए जिससे थकान ना हो व्यायाम खुले स्थान पर

किसान और जौहरी -Kisan aur jauhari https;//rajivkamal205.blogspot.com

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 किसान और जौहरी :-Kisan aur jauhari एक किसान शहर से बैलगाड़ी में खाद ला रहा था रास्ते में उसे एक चमकदार पत्थर पड़ा मिला उसने उसे उठाकर एक बैल के गले में बांध दिया कुछ दूर जाने पर एक जौहरी ने उसे देखा वह घोड़े से कहीं जा रहा था उसने सोचा बड़ा मूर्ख है जिसने इतना कीमती पत्थर बेल के गले में बांध दिया है उसने किसान से कहा तुम्हारे एक बैल के गले में यह पत्थर शोभा नहीं देता तुम यह हमें दे दो मैं इसे अपने घोड़े के गले में बांध लूंगा बोलो कितने में दोगे पत्थर किसान ने कहा एक रुपए में जौहरी ने सोचा यह मोर इस पत्थर के बारे में नहीं जानता यह थाने में भी दे देगा उसने किसान से 8 आने में देने के लिए कहा लेकिन किसान तैयार नहीं हुआ दोनों अपने अपने रास्ते पर आगे बढ़ गए कुछ दूर जाने पर किसान को दूसरे जौहरी ने देखा उसने भी किसान से पत्थर बेचने के लिए कहा किसान ने सोचा यदि मैं डेढ़ रुपया कहूंगा तो या पत्थर को एक रुपए में अवश्य ही ले लेगा इसलिए उसने डेढ़ रुपए में पत्थर देने की बात कही जोहरी ने सोचा यह हीरा है तथा रुपए में महंगा नहीं है यह सोचकर उसने डेढ़ रपए में पत्थर खरीद लिया कुछ दूर जाने पर पहले जौहरी न

घमंडी शिष्य - Ghamandi shishya https;//rajivkamal205.blogspot.com

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 घमंडी शिष्य - Ghamandi shishya सिंधु नदी के तट पर सौम्य देव नामक एक ऋषि रहते थे वह बहुत ही सौम्य थे उनके आश्रम में अन्य शिष्यों में दो बहुत प्रतिभावान और * शिष्य भी थे अनेक वर्षों की कड़ी साधना के बाद दोनों अपने अपने विषय के विद्वान बन गए विद्वता के मध्य में धीरे-धीरे दोनों को बेहद घमंडी एवं चालू बना दिया अब वे आश्रम का काम भी मिलजुलकर करना पसंद नही करते थे एक दिन जब ऋषि स्नान करके लौटे तो वह दोनों शिष्य आपस में झगड़ रहे थे ऋषि के पूछने पर दोनों अपने अपने गुणों का बखान कर स्वयं को श्रेष्ठ बता रहे थे झगड़ा बढ़ते देख सौम्या ऋषि सहायता से बोले तुम दोनों ठीक कह रहे हो अब तुम दोनों इतने विद्वान और श्रेष्ठ हो गए हो की सफाई जैसा छोटा काम तुम्हें शोभा नहीं देता आज से सफाई का काम मैं स्वयं करूंगा यह कह कर जैसे ही वे झाड़ू उठाने लगे वैसे ही दोनों ने उनके हाथ से झाड़ू ले ली और अपने व्यवहार के लिए क्षमा मांगने लगे शिक्षा:- अपने ज्ञान पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए Rajiv Kamal.com

एक अनार - Ek Aanar

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एक गाँव में एक बहुत ही अनोखा आदमी रहता था। वह अनभिज्ञता में माहू था और हर वक्त किसी चीज को लेकर अपने अनोखे मजाक और कहानियों के जरिए लोगों को हंसाने में लगा रहता था। उसका नाम रामू था. रामू का विशेष ध्यान एक अनार के पेड़ पर था। उस पेड़ पर हर साल एक अनार की बहुत सारी फलियां आती रहती हैं। इसलिए, लोग उस पेड़ को बहुत महत्वपूर्ण बताते हैं और उसका ध्यान रखते हैं। लेकिन रामू उस पेड़ को देखकर हमेशा हंसता रहता था। एक दिन, गाँव के लोग इकट्ठे हो गए और रामू के पास आ गए और बोले, "रामू, तुम हमेशा इस पेड़ को देखकर क्यों हंसते हो? इसमें क्या खास है?" रामू ने चुलबुलाहट को देखा और कहा, "हाँ, इस पेड़ को देखो! यह एक अनार का पेड़ है, लेकिन इसके फल में एक खास ताकत है।" लोगों ने कहा, "रामू कौन है?" रामू ने कहा, "इस पेड़ का एक अनार खा लेने से मनुष्य का आयुवर्धक प्रभाव पड़ता है।" लोग हंसने लगे और देखने लगे, "क्या तुमने लिखा हो, रामू?" रामू ने नाचते हुए कहा, "हां, बिल्कुल सच। आप खुद ही देख लीजिए, जब आपको एक अनार्य खाने का मौका मिलेगा, तो आप प्यारे और

तंदुरुस्ती का राज -Tandurusti ka raaz https;//rajivkamal205.blogspot.com

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 तंदुरुस्ती का राज- Tandurusti ka raaz हुजूर अलग नाम से फेमस है राजधानी में जहां और जब चाहे मांग देते हैं नक्शा और हिसाब के भी पूरे पक्के हैं कहते भी हैं कि ऐसे ही नहीं बनाया है माहौल तंदुरुस्ती का राज भी यही है किसी ने कह दिया कि है कि आप अलग मटेरियल हैं अब राजधानी वाली असली कुर्सी संभालिए बस यह सुनना था कि हुजूर हो गए हैं रेस कार इंदु को लगा दिया है काम में अब तो झुग्गी झोपड़ी का भी हिसाब किताब कर रहे हैं बेशक जमाने भर की कब्जियत पेट सफा से दूर होती हो लेकिन साहब है पक्के गांधीवादी बगैर न्योछावर लिए इधर-उधर हिलते भी नहीं अब एक ही तमन्ना है कि मिल जाए कुर्सी तो दिखा देंगे अपनी चाल बस कूपन कटाने भर कागज का जुगाड़ हो जाए   Rajiv Kamal. Com

मंत्री जी की पीड़ा-Mantri jee ki pida https;//rajivkamal205.blogspot.com

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 मंत्री जी की पीड़ा -Mantri jee ki pida मंत्री और विभागीय सेक्रेटरी के बीच का साथ तो जब तक सूरज चांद रहेगा टाइप का है दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते लेकिन इस साहब को पीड़ा कुछ और ही है हेल्थ डिपार्टमेंट में रहे और अपनी सेहत के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जब तक चाहा कंबल ओढ़ कर पीते रहेगी नौतन पर चर्बी चढ़ी ना सामने वाले की ही नजर में चढ़े लेकिन विभाग छूटने की पीड़ा बार-बार छलक कर जुबान पर आ ही जाती है कोई भी मिलना है तो उलाहना देना नहीं भूलते की हाकिम ने कभी विभाग के कामकाज के बारे में नहीं पूछा लेकिन अपना काम टेंडर और ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं करने का ताना देते थे अक्सर दुहाई भी देते थे कि हम तो पॉलिटिकल लोग ठहरे काम नहीं किया तो लाल बत्ती का क्या फायदा अब मिलने वाला भी साहब को तसल्ली देकर निकलता है कि जैसे सबके अच्छे दिन आए वैसे आपके भी आएंगे बस हिम्मत बनाए रखिए मंत्री जी Rajiv Kamal.Com

Sher Ki Vijay Yojana

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Sher Ki Vijay Yojana शेर की विजय योजना एक समय की बात है, जब जंगल का राजा शेर अपने राज्य में सुख-शांति से बास कर रहा था। वह बहुत बुद्धिमान, शक्तिशाली और साहसी था। जंगल के सभी जानवर उसे सम्मानपूर्वक देखते थे। एक दिन, उसे अपने प्रजा की तालियों की ध्वनि सुनाई दी। शेर ने अपनी सेना के साथ रास्ता प्राप्त किया और देखा कि एक दूसरा शेर उसके राज्य में प्रवेश कर रहा है। यह दूसरा शेर बहुत बड़ा और विकट था। वह शेरों के बीच अपना राज्य स्थापित करने के इरादे से आया था। दूसरे शेर के आने की खबर शेर के सबके कान में गई और सभी जानवर डर गए। वे उनसे अपनी सुरक्षा की गुजारिश करने लगे, परंतु शेर ने कहा, "मेरे पास जितनी शक्ति है, उतनी तुम सबके पास है। हम एक साथ काम करेंगे और इस दूसरे शेर को बाहर निकालेंगे।" शेर और उसकी सेना ने एक योजना बनाई और दूसरे शेर के सामरिक और जीवनी लक्ष्यों के बारे में जानकारी जुटाई। शेर की सेना ने अपने बलवान और आपूर्ति को संगठित किया और जंगल के एक खुदाई बिंदु पर चढ़कर खुदाई की। शेर ने खुदाई करके एक बड़े पत्थर को तैयार किया और उसे विस्फोटक मद से भर दिया। जब दूसरा शेर उनके पास पहु

अकल की दुकान

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एक था रौनक जैसा नाम वैसा रूप अक्ल भी उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था एक दिन उसने घर के बाहर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा यहां अकल बिकती है उसका घर बीच बाजार में था हर आने जाने वाला वहां से जरूर गुजरता था हर कोई बोर्ड देखता हंसना और आगे बढ़ जाता रौनक को विश्वास था कि उसकी दुकान एक दिन जरूर चलेगी एक दिन एक अमीर महाजन का बेटा वहां से गुजरा दुकान देख कर उसे रहा नहीं गया उसने अंदर जाकर रौनक से पूछा यहां कैसी अकल मिलती है और उसकी कीमत क्या है उसने कहा यह इस बात पर निर्भर करता है कि तुम इस पर कितना पैसा खर्च कर सकते हो गंपू ने जेब से ₹1 निकालकर पूछा इस रुपए के बदले कौन सी अकल मिलेगी और कितनी भाई ₹1 की अकल से तुम ₹100000 बचा सकते हो गंपू ने ₹1 दिया बदले में रौनक ने एक कागज पर लिखकर दिया जहां दो आदमी लड़ झगड़ रहे हो वहां खड़े रहना बेवकूफी है गंपू घर पहुंचा और उसने अपने पिता को कागज दिखाया कंजूस पिता ने कागज पड़ा तो वह गुस्से से आगबबूला हो गया गंपू को कोसते हुए वह पहुंचा अकल की दुकान कागज की पर्ची रौनक के सामने फेंकते हुए चिल्लाया वह रुपया लौटा दो जो मेरे बेटे ने तुम्हें दिया था रौनक ने कहा ठीक ह

अक्कू की ट्रेन यात्रा

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शीर्षक: अक्कू की ट्रेन यात्रा नमस्ते दोस्तों, मैंने हाल ही में एक रोमांचक ट्रेन यात्रा की, जिसका नाम है "अक्कू की ट्रेन यात्रा"। मैं बेहद उत्साहित था इस यात्रा के बारे में, क्योंकि यह मेरी पहली ट्रेन यात्रा थी। यह एक अद्वितीय और यादगार अनुभव था, जिसे मैं शेयर करना चाहता हूँ। मेरी यात्रा उत्तर भारत के एक शहर से शुरू हुई और उसी शहर में समाप्त हुई। यह एक लंबी यात्रा थी, जिसमें हमने अनेक राज्यों के मध्य से गुजरा। पूरे सफर में, मैंने खूबसूरत पहाड़ों, घाटियों, और धार्मिक स्थलों की देखभाल की। ट्रेन के यात्रा वातावरण में एक खास मज़ा है। सभी यात्रियों के साथ बातचीत करना, अनजान लोगों के साथ दोस्ती करना और खाने-पीने का मज़ा लेना, सभी एक अद्वितीय अनुभव है। मैंने बहुत सारे रोचक किस्से सुने और देश के विभिन्न हिस्सों की जीवनशैली देखी। यात्रा के दौरान, मैंने रेलगाड़ी की झीलों को देखा, पहाड़ों के बीच चलते हुए मनमोहक दृश्यों का आनंद लिया और ताजगी के लिए खिड़की से हवा लिया। मैंने यात्रा के दौरान आपूर्ति कर्मियों की मेहनत और प्रयास का भी महसूस किया, जो यात्रा को सुचारू रूप से चलाने में लगे

घोड़े के पैरों में नाल क्यों लगाया जाता है

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 क्या आपने कभी घोड़े को सड़क पर दौड़ते हुए ध्यान से देखा है उसके पैर के नीचे एक लोहे का नाल लगा हुआ होता है ऐसा केवल घोड़े में ही होता है क्योंकि घोड़े के पैर को पांव के अंगूठे में तथा चौड़े अग्रभाग में विभाजित किया गया है जबकि अन्य पशुओं में पंजे तथा नाखून होते हैं परंतु घोड़े के पैर की अंगुली के आसपास खून होता है क्षेत्र कोई संवेदना या दर्द महसूस नहीं कर सकता है क्योंकि यह मृतकों का बना होता है ऐसा ही एक उदाहरण हमारे नाखूनों का है जो कि मृतकों से बने हैं तथा इनको काटने पर हमें दर्द नहीं होता घोड़ा जब चल्या दौड़ रहा होता है तो उसकी एड़ी जमीन को नहीं छुट्टी है घोड़े के पैर के बीच का हिस्सा या केंद्र नरम होता है उसे राग कहा जाता है जब घोड़ा सवार या भारी बोझ उठाकर चलता है तो उसके खुर जमीन से टकराते हैं तब पुर का मुलायम हिस्सा भार को सहन न कर पाने की वजह से जमीन से टकराकर चोटिल होकर फूल जाता है इससे यह पशु लंगड़ा हो सकता है खुद को इस प्रकार चोट से बचाने के लिए घोड़े के नाल फूलों पर लगाए जाते हैं यह नाखूनों के मुलायम हिस्से की रक्षा करते हैं तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि घोड़ा अपने पैरों की

नेवला और ब्राह्मण की पत्नी

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एक गांव में ब्रह्म दत्त नाम का ब्राम्हण अपने परिवार के साथ रहता था जब ब्राह्मण की पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया था तब वे दोनों बहुत खुश हुए बच्चे के बड़े होने पर ब्राह्मण की पत्नी एक पालतू पशु चाहती थी ब्राम्हण नेवले का एक छोटा बच्चा ले आया जिसके साथ उनका बच्चा खेल सके बचाने वाले के साथ बहुत खुश रहता था ब्राह्मण की पत्नी नेवले की देखभाल बहुत अच्छे से करती थी एक दिन ब्राह्मण की पत्नी घड़ा लेकर पास से ही पानी लाने के लिए घर से चली गई उस दिन ब्राह्मण भी घर पर नहीं था बच्चा पालने में घर पर सो रहा था तभी एक सांप घर में आ गया और बच्चे की ओर रेंगने लगा मैंने आपको देखते ही उस पर हमला कर दिया और मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए सांप को मारने के कारण नेवले के मुंह पर फोन लग गया नेवला घर के दरवाजे पर आकर ब्राह्मण की पत्नी का इंतजार करने लगा के मुंह पर खून लगा देखकर ब्राह्मण की पत्नी डर गई उसे लगा कि मैंने उसके बच्चे की काटकर जान ले ली क्रोध में ब्राह्मण की पत्नी ने पानी से भरा घड़ा नेवले पर फेंक दिया जिसकी वजह से वहीं पर मर गया बच्चे को देखने के लिए वह अंदर भागे उसने देखा कि बच्चा पालने में सो रहा

जैसे को तैसा

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एक सारस कि एक लोमड़ी से मित्रता हो गई एक बार लोमड़ी ने सारस को भोजन का निमंत्रण दिया उसने सुख तैयार किया और उसे दो सपाट स्त्रियों में परोस दिया चलो खाने की शुरुआत करें लोमड़ी ने सारस से कहा और सूट काटना शुरू कर दिया बड़ा मजेदार है ना सुख चाटते चाटते वह बोली सारस ने सूप की सुगंध ली उसके मुंह से पानी आ गया पशु की एक बूंद भी उसके मुंह तक नहीं पहुंची उसकी सोच लंबी थी और तश्तरी सपाट थी उसे पता चल गया कि धूर्त लोमड़ी उसके साथ मजाक कर रही है लेकिन सारस चुप रहा वह देखता रहा लोमड़ी सुख चट कर गी कुछ दिनों के बाद सारस ने लोमड़ी को भोजन का निमंत्रण दीया वह लोमड़ी को अपने यहां ले गया उसने भी स्वादिष्ट सुख बनाया और संकरे मुंह वाली दो श्रेणियों में सुख प्रोस्कर सारस ने कहा चलो शुरू करें खाना उसने अपनी लंबी चोच सुराही में डाल दी सर आराम से सूप पी रहा था सुख पीछे-पीछे उसने लोमड़ी से कहा मैंने इतना स्वादिष्ट सुख कभी नहीं चखा था मैंने विशेष रूप से तुम्हारे लिए बनाया है सर मत करो जी भर कर खाओ पर लोमड़ी सुख का जरा भी स्वाद नहीं ले पाई सुराही का गर्दन बहुत संस्था सुख तक उसका मुंह पहुंच ही नहीं पाया उसे बड़ा

गुरु और शिष्य की कहानी

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 एक जंगल में एक साधु महात्मा रहा करते थे उनकी ख्याति दूर-दूर तक कई राज्यों में फैली हुई थी लोग उनके ज्ञान और समझदारी की वजह से उन से प्रभावित होकर बहुत दूर-दूर से उन्हें खोजते हुए इस जंगल में आ जाया करते थे 1 दिन दो युवक इन महात्मा की खोज में इस जंगल में आ पहुंचे जहां एक बड़े ही सुंदर रमणीय स्थल पर महात्मा अपना गुरुकुल बनाकर रखा करते थे वह दोनों ही इन महात्मा को अपना गुरु स्वीकार कर उन से शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे महात्मा कई युवकों को शिक्षा दे चुके थे लेकिन वे किसी भी युवक को शिक्षा देने से पहले उसकी कसौटी किया करते थे इन दोनों युवकों को महात्मा ने देखा तो वह उन्हें अच्छे घर से लगे और उनकी परीक्षा लेने की महात्मा ने टाइप किया महात्मा ने दोनों युवकों से कहा कि मैं तुम्हें अपना शिष्य जरूर बना लूंगा लेकिन उसके लिए तुम्हें मेरी एक शर्त पूरी करनी पड़ेगी युवकों ने महात्मा से कहा कि आप जो भी कहेंगे हमें माने हैं महात्मा ने गुरुकुल के कमरे में रखी दो कबूतरों की मूर्तियां लाकर दोनों युवकों को एक-एक थम आते हुए कहा इन कबूतरों की मूर्तियों को तुम जीवित कबूतर ही मानो और तुम्हें यह करना है कि जब

बंदर और गिलहरी का याराना

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 बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में एक बंदर और एक गिलहरी रहते थे एक दिन बंदर पेड़ पर बैठा था उसकी पूंछ बहुत लंबी थी इतनी लंबी थी कि वह जमीन तक लटक रही थी बंदर मजे से पेड़ पर बैठा था गिलहरी जमीन पर उछल कूद कर रही थी तभी उसे लटकती पूछ दिखाई दी वह पूछ पर चढ गई और झूलने लगी उसे बड़ा मजा आ रहा था गिलहरी के झूलने से बंदर को गुदगुदी होने लगी उसे नीचे की ओर देखा उसे पूछ पर गिलहरी दिखाई दी वह हंसकर बोला गिलहरी तुम मेरी कुछ पर क्यों झूल रही हो मुझे गुदगुदी हो रही है गिलहरी ने यह सुनकर ऊपर की ओर देखा उसे बंदर दिखाई दिया वह बोली बंदर महाराज यह आप हो मैं तो पूछ को झूला समझा था मैं तो झूला झूल रही थी मुझे इसमें बड़ा मजा आ रहा था यह सुनकर बंदर हंसने लगा गिलहरी भी पूछ को छोड़कर पेड़ की डाली पर चढ़कर बंदर के साथ बैठ गई और दोनों की गहरी दोस्ती हो गी

राजा का इलाज

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 एक राजा मोटापा बढ़ने की वजह से बीमार पड़ गया डॉक्टरों ने उसे सलाह दी कि वह खाना कम कर दे तो मोटापा घट सकता है डॉक्टरों की इस सलाह से राजा गुस्सा हो गया राजा ने ऐलान किया कि जो भी उसका अच्छा इलाज करेगा उसे बड़ा इनाम दिया जाएगा लेकिन इसमें एक शर्त थी जो भी इस कार्य में सफल रहेगा उसका सिर कलम कर दिया जाएगा ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी कि राजा का जीवन अब 1 महीने का और बचा है यह जानकर राजा डर गया और परेशान रहने लगा जिस ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी की थी उसे महीने भर के लिए जेल में डाल दिया गया ताकि यह देखा जा सके कि उसकी भविष्यवाणी में कितना दम है राजा बहुत डरा हुआ था उसने खाना पीना भी बहुत कम कर दिया और महीने भर के भीतर ही उसका वजन काफी गिर गया इसके बाद राजा ने जेल से ज्योतिषी को बुलाया और कहा आप क्यों नहीं मुझे तुम्हारा सिर कलम कर देना चाहिए इस पर ज्योतिषी बोला कि आपने शीशे में देखिए कि आप अब कितने स्वस्थ हो गए हैं अपने को शीशे में देखिए कि आप अब कितने स्वस्थ हो गए हैं अपने स्वस्थ और दुर्लभ काया देखकर राजा आश्चर्य का कोई ठिकाना ना रहा तब ज्योतिषी ने राजा से कहा कि असल डॉक्टर तो मैं ही था मौत क

बुद्धि का महत्व

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 एक बुद्धिमान राजा था उसका काफी बड़ा साम्राज्य था उसके राज्य में प्रजा हर तरह से खुशहाल था राजा को अपने उत्तराधिकारी की तलाश थी उसके तीन बेटे थे राजा इस पुरानी परंपरा को नहीं निभाना चाहता था कि सबसे बड़े बेटे को ही गद्दी पर बिठाया जाए वह सबसे बुद्धिमान और काबिल बेटे को सत्ता सौंपना चाहता था इसलिए राजा ने उत्तराधिकारी के लिए तीनों की परीक्षा लेने का फैसला किया राजा ने तीनों बेटे को अलग-अलग दिशाओं में भेजा उसने हर बेटे को सोने का एक एक सिक्का देते हुए कहा कि वे इसे ऐसी चीज कर दे जो पुराने महल को भर दे पहले बेटे ने सोचा कि पिता तो सठिया चुके हैं इस थोड़े से पैसे से इस महल को किसी चीज से कैसे भरा जा सकता है इसलिए वह एक माय खाने में दिया शराब पी और सारा पैसा खर्च कर डाला राजा के दूसरे बेटे ने इससे भी आगे सोचा वह इस नतीजे पर पहुंचा इस शहर में सबसे सस्ता तो कूड़ा कचरा ही है इसलिए उसने माहौल को कचरे से भर दिया तीसरे बेटे ने 2 दिन तक इस पर चिंतन मनन किया कि माहौल को सिर्फ एक सिक्के से कैसे भरा जा सकता है वह वाकई कुछ ऐसा करना चाहता था जिससे पिता की उम्मीद पूरी होती हो उसने मोमबत्ती और लोबान की प

कामयाबी

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 एक गुरु अपने शिष्य के अत्याधिक विकास से बहुत ही खुश थे उन्हें लगा कि अब शीशे का मार्गदर्शन करने की कोई जरूरत नहीं है इसलिए उस शिष्य को एक नदी किनारे बनी अपनी छोटी सी कुटिया में छोड़कर निकल पड़ रोजाना सुबह स्नान करने के बाद शिष्य शेर की खाल से बने अपने कपड़े को सुखाने के लिए टांग दिया करता था एक मात्र वस्तु थी जो उसके पास थी 1 दिन चूहे ने उस शेर की खाल को कुचल डाला यह देख कर इसे बहुत ही उदास हो गया वस्त्र ना होने के कारण और दूसरे वस्त्र मांगने गांव वालों के पास पहुंचा अगले ही दिन चूहों ने दूसरे वस्त्र में भी छेद कर डाला चूहे से परेशान होकर उसने एक बिल्ली पा लिया अब उसे समस्या चूहों से तो नहीं थी लेकिन बिल्ली उसके लिए परेशानी का सबब बन गई उसे खाने के साथ-साथ बिल्ली के लिए दूध का इंतजाम करना पड़ता था 1 दिन उसे लगा कि मैं कब तक गांव वालों से मांगता रहूंगा क्यों ना मैं खुद ही एक गाय रख लूं जब उसे गायब मिल गया तो फिर उसे के लिए चारा मांगने की जरूरत पड़ी उसे लगा की झोपड़ी में चारों ओर घात से इसका काम चल जाएगा लेकिन इसमें उसे सामने गाय को चलाने की समस्या खड़ी हो गई गाय को चरने के चक्कर में ध्

बंदर और दो बिल्लियों की कहानी

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 दो बिल्लियां आपस में बहुत अच्छी दोस्त थी वे एक साथ खेलती बातें करती तथा भोजन की तलाश में जाया करती थी एक दिन भोजन की तलाश में काफी देर तक भटकने के बाद उन्हें एक रोटी ही दिखाई दी जिस पर एक बिल्ली ने झपट्टा मारा और खाने के लिए मुंह में डालने ही जा रही थी तभी दूसरी बिजली उसे ठोकर बोली अरे तुम अकेले कैसे इस रोटी को खा सकती हो हम दोनों ने साथ में ही इस रोटी को देखा है इसलिए हमें इसे बैठकर खाना चाहिए पहली बिल्ली ने यह सुनकर रोटी एक टुकड़ा तोड़कर दूसरी बिल्ली को दिया लेकिन वह टुकड़ा छोटा था जिसे देख कर उसे बुरा लगा और उसने कहा यह टुकड़ा तो काफी छोटा है तुम मेरे साथ बेईमानी कर रही हो तुम्हें रोटी के बराबर टुकड़े करने चाहिए इस बात पर दोनों में बहस हो गई और झगड़ा होने लगा उसी समय वहां से मोनू बंदर गुजर रहा था मोनू बंदर ने दोनों के लड़ने के कारण पूछा तो उसने सब कुछ बता दिया मोनू बंदर इस बात पर लड़ने की जरूरत नहीं है तुम कहो तो मेरे पास एक तराजू है जिससे मैं इस रोटी को दो बराबर हिस्से में बांट दूंगी बिल्लियां मान गई और बंदर ने तराजू निकाला और एक-एक टुकड़ा दोनों और रख दिया भूखी बिल्लियां बड़ी आंख

प्यासा कौवा

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 एक समय की बात है कड़कती धूप में एक प्यासा कौवा इधर-उधर पानी की खोज में तड़प रहा था अत्याधिक प्यास के कारण उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसका अंतिम समय आ गया है तभी उसकी नजर पास के एक पेड़ के नीचे रखे घड़े पर पड़ी उसे देखकर कौवे की जान में जान आई वाह उड़कर जब उसके पास पहुंचा तो उसने देखा कि पानी घड़े में बहुत कम था जिसकी वजह से वह अपनी चोंच पानी तक पहुंच नहीं पा रहा था कौवे ने कई बार प्रयास किया हर बार वा असफल रहा कौवा घड़े के पास थक कर बैठ गया तभी उसकी नजर पड़े कम करो पर पड़ी अब उसे एक तरकीब सूझी उसने विचार किया कि यदि वह एक-एक करके कंकड़ को घड़ी में डालेगा तो पानी धीरे-धीरे ऊपर आ जाएगा और उससे पीकर अपनी प्यास बुझा लेगा निरंतर प्रयास और कड़ी मेहनत करके वह इतने कंकड़ घड़े में डाल देता है कि पानी ऊपर आ जाता है और वह उसे पीकर अपनी जान बचा लेता है प्यासा कौवा की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है और निरंतर प्रयास और मेहनत से असंभव लगने वाले लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है

सोने के अंडे देने वाली मुर्गी

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एक बार की बात है एक किसान रहता था जिसके पास कई मुर्गियां और कल हंस के साथ एक खेत था मुर्गी और हंस कई अंडे देते थे वह अंडे बेचता था और इमानदारी से जीवन यापन करता था किसान एक हंस भी था लेकिन हंस अंडे नहीं नहीं देगा यह बहुत खराब और मोटा हो गया है किसान को नहीं पता था कि क्या करना है किसान अंडे देने के लिए हंस के घोसले का दौरा किया किसान ने कुछ आश्चर्यजनक पाया हंस ने एक पीला अंडा दिया था एक पीला अंडा या नहीं एक सुनहरा अंडा है वाह मैं सोने का अंडा बेच लूंगा और इतना पैसा कमा लूंगा हंस ने खुशी-खुशी सोने के अंडे रोज दिए और किसान की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था इस सुनहरे अंडे को बेचकर किसान धीरे-धीरे अमीर होता गया हा हा हा मैं एक भाग्यशाली आदमी हूं जो हर रोज सोने के अंडे देने वाली हंस है अब मेरे पास सब कुछ है हा हा हा जल्द ही किसानों ने अपने एक आलीशान हवेली खरीद ली उसमें हवेली को टीवी अलमारी फर्नीचर और ऐसे ही अन्य सुविधाओं से सुसज्जित किया जैसे जैसे समय बीतता गया किसान अमीर होता गया और अमीर उसका लालच बिना किसी सीमा के बढ़ता गया अब वह सबसे अमीर आदमी बनने की सपना देखता था हम यहां सबसे अमीर आदमी बनन

खट्टे अंगूर

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 एक बार एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी लोमड़ी अपने दोस्त से मिलना चाहती थी जो जो दूर के जंगल में रहता था वह उससे मिलने के लिए घर से निकल पड़ी चलते चलते वह बहुत दूर निकल गई रास्ते में उसे बहुत जोर की भूख लगी उसने सोचा कुछ खाने को मिल जाए तो अच्छा होता यही सोचते हुए वह जा रही थी कि अचानक उसे एक अंगूर का पेड़ दिखा उसकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए वह खुशी-खुशी उस अंगूर के पेड़ के पास चली गई और अंगूर को तोड़कर खाने की कोशिश करने लगी वह सोच रही थी यह अंगूर बहुत ही मीठे लग रहे हैं अगर यह मुझे मिल जाए तो मेरा दिन बन जाए यही सोचते हुए अंगूर को पाने की नाकामयाब कोशिश करती रही लेकिन वह अंगूर का एक भी दाना तोड़न सकी थक हार कर उसने हार मान ली अपने आप को यह कह कर समझा लिया कि यह अंगूर बहुत ही खट्टे हैं इसे मैं खा कर क्या करूंगी और आगे चल पड़ इस कहानी से हमें यह सीख सीख मिलती है कि हमें जब कुछ ना मिले प्राप्त हो पाए तो अपने मन को मना लेना पड़ता है

राजकुमारी का तोता

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जब राजकुमारी को वह तोता मिल गया था जो कि उसे बहुत पसंद था वह हमेशा उसे अपने पास ही रखती थी वह तोता राजकुमारी के साथ मेरा कर उनकी भाषा को समझ गया था वह तो था उनकी भाषा को बोलता था राजा को भी वह तोता बहुत पसंद आ रहा था 1 दिन की बात है वह राजकुमारी शिकार पर जाती है मगर जब बहुत समय हो जाता है वह वापस नहीं आती है राजा को बहुत चिंता होती है मगर कुछ समय बाद वह तोता आता है वह राजा के पास उड़ता है उन्हें कहता है की राजकुमारी खतरे में हैं यह सुनकर राजा सेनापति के साथ में जाता है वह तोता उस जगह पर ले गया था जिस जगह पर आदिवासी रहते हैं उन्होंने राजकुमारी को पकड़ लिया था जब उन्हें पता चला कि राजा आए हैं उन्हें बहुत डर लगता है क्योंकि वह समझ नहीं पाए थे कि राजा यहां पर कैसे आ सकते हैं मगर यह सब कुछ उस तोते की वजह से हुआ था उसने राजकुमारी को बचा लिया था राजकुमारी अब वापस आ गई थी राजकुमारी अपने पिता से कहती है आज इस तोते ने मुझे बचाया है राजा कहते हैं कि तुम सही कह रही हो अगर यह तोता हमें उस जगह पर ना लेकर जाता तो हमें कभी पता नहीं चलता कि आप किस जगह पर हैं राजकुमारी कहती है अगर हम पंखे की देखभाल रखते

चूहे ने की शेर की मदद

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 एक बार एक शेर पेड़ के नीचे सो रहा था अचानक पेड़ के बिल से एक चूहा बाहर आया और शेर के शरीर पर खुद गया शेर ने उसे कसकर पकड़ लिया लेकिन कुछ सोचकर उसने अपनी कैद से मुक्त कर दिया चूहा तेरे को धन्यवाद देते हुए कहा कि 1 दिन पर शेर की मदद करेगा कुछ दिनों बाद शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया वह दहाड़ा शेर की आवाज सुनकर चूहा वहां आया और उसमें जाल को काटकर शेर को जाल से मुक्त कर दिया शेर ने चूहे का शुक्रिया अदा किय

ऐसे मिला छिपा खजाना

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" ऐसे मिला छिपा खजाना" बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़का नाम राजू रहता था। राजू अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से गरीब घर में रहता था और उनका आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर था। वे अपने माता-पिता की मदद करते, लेकिन फिर भी गरीबी के दिन बिताने पर मजबूर थे। एक दिन, जब राजू ने खेलते-खेलते एक पुरानी इमारत के पास जाने का निर्णय लिया। यह इमारत बहुत पुरानी और बिगड़ी हुई लग रही थी। राजू के मन में रोमांच उभर आया और उसने सोचा कि शायद उसको यहां कुछ खास मिल सकता है। राजू इमारत के अंदर चला गया और वहां उसे अचानक एक छिपा हुआ खजाना मिला। वह खजाना एक पुरानी खाँदान की अमानत थी, जिसका मालिक कई सालों से लापता था। राजू को उस खजाने के बारे में पता नहीं था, लेकिन उसकी बड़ी खुशी हुई कि उसने कुछ ऐसा पाया जो उसकी जिंदगी को बदल सकता था। राजू खजाने को देखकर खुशी से झूम उठा। वह खजाना ले जाने की सोच में पड़ गया, लेकिन फिर उसे याद आया कि यह खजाना किसी और का है और उसे चोरी करना ग़लत होगा। राजू एक ईमानदार और नेक लड़का था, इसलिए उसने फैसला किया कि वह खजाना खुद किसी खाँदान के वापस कर द

मूर्ख राजा की कहानी

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 बहुत पुरानी बात है एक बहुत मूर्ख राजा रहता था जिसका मंत्री बहुत होशियार रहता है 1 दिन राजा और मंत्री दोनों नदी किनारे घूमने के लिए जाते हैं तभी राजा मंत्री से पूछता है यह नदी कहां से निकलती है और कहां तक जा रही है मंत्री राजा को बताता है यह नदी उत्तर दिशा से निकलती है और पूरब देश तक जाती है राजा मंत्री शेख कहता है तो इस नदी का सारा पानी पूर्वी देश के लोग उपयोग में लाते होंगे मंत्री राजा से कहता है हरा महाराज जिसकी जितनी जरूरत होती है वह उस हिसाब से जहां तक नदी जाती है सब इसके पानी का उपयोग करते हैं महाराजा चढ़कर कहते हैं यह नदी हमारी है और इसका पानी भी हमारा है और इसका उपयोग पूर्वी राज्य के राजा और प्रजा सब लोग कर रहे हैं मैं ऐसा और नहीं होने दूंगा तुम तुरंत जाओ और नदी पर बांध बनाने की तैयारी करो मंत्री राजा को समझाने की कोशिश करता है अगर नदी पर बांध बन जाएगा तो हमारे बहुत नुकसान होंगे राजा एक नहीं सुनता है और मंत्री को आदेश देता है कि जल्द से जल्द इस नदी पर बांध बन जाना चाहिए राजा के आदेश अनुसार मंत्री बहुत जोर शोर से नदी पर बांध बनाने का काम चालू कर देता है राज्य के सारे मजदूर और मि

लालची सुनार

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Lalchi Sunar Kahani एक समय की बात है, एक गांव में एक बहुत ही लालची सुनार रहता था। यह सुनार बहुत ही अमीर था, लेकिन उसकी लालच उसे बहुत ही अधीन बना देती थी। उसका लालच सिर्फ धन की ओर ही था और वह न केवल अपनी धन भरी जेब को बढ़ाना चाहता था, बल्कि दूसरों से भी धन कमाने के लिए अपनी कला को भी लालच के लिए इस्तेमाल करता था। एक दिन, उसे पता चला कि एक राजा ने अपनी प्रिय रानी के लिए एक खास अंगूठी बनवानी है और जिस सुनार को यह कार्य सबसे जल्दी कर देगा, उसे राजमहल में बुलाया जाएगा और उसे बहुत ही बड़ा पुरस्कार मिलेगा। यह सुनार बहुत ही खुश हुआ और अवसर को लाभान्वित करने के लिए राजमहल में पहुंच गया। लेकिन जैसा कि आप सोच सकते हैं, यह सुनार बहुत ही लालची था और उसे सिर्फ अपना लाभ चाहिए था। वह तुरंत ख्याल आया कि यदि वह राजमहल के लिए एक आम से अंगूठी बना देता है और असली अंगूठी को अपने पास रख लेता है, तो उसे बहुत ही अधिक मुनाफा होगा। उसने इस ख्याल को अमल में लाते हुए राजमहल में गया और राजा के सामने पहुंचा। राजा ने उसे अंगूठी बनाने का काम दिया और कहा कि यदि तुम इसे एक हफ्ते के अंदर बना देते हो, तो तुम्हें अच्

भिखारी और तांबे का सिक्का

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  पुराने समय में एक राजा का जन्म दिन था। जब वह सुबह जागा तो उसने खुद को ये वचन दिया कि वह आज किसी एक व्यक्ति को पूरी तरह खुश और संतुष्ट करेगा। ये सोचकर वह अपने राज्य में घूमने निकल गया। रास्ते में उसे एक भिखारी दिखाई दिया। वह नाली में कुछ ढूंढ रहा था। राजा ने उससे पूछा कि क्या कोई कीमती चीज खो गई है। भिखारी ने कहा कि मेरा तांबे का एक सिक्का नाली में गिर गया है। वही ढूंढ रहा हूं। राजा ने उसे चांदी का एक सिक्का दिया और सोचा कि अब ये खुश हो जाएगा। भिखारी ने चांदी का सिक्का लिया और अपने झोले में डाल लिया। वह फिर से नाली में तांबे का सिक्का खोजने लगा। राजा ने सोचा कि शायद ये बहुत गरीब है। उसे फिर बुलाया और इस बार सोने का सिक्का दिया। भिखारी ने सोने का सिक्का देखकर राजा को बहुत धन्यवाद दिया। वह बहुत खुश था, लेकिन उसने वह सिक्का लेकर झोले में डाला और फिर से नाली में जाकर तांबे का सिक्का खोजने लगा। इस बार राजा को गुस्सा आ गया। लेकिन, राजा को सुबह का वचन याद आ गया कि मुझे आज किसी को खुश और संतुष्ट करना है। उसने भिखारी को बुलाया और कहा कि मैं तुम्हें मेरा आधा राजपाठ देता हूं। तुम अब तो खुश और सं

ईर्ष्या का परिणाम

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  किसी गांव में एक गरीब बुढ़िया रहती थी एक दिन उसे एक फकीर ने एक अद्भुत दीपक देते हुए कहा बुढ़िया माई यह बड़ा अद्भुत दीपक है आंगन को लिपकर इस दीपक को बीच में रखकर जलाना और हाथ जोड़कर इससे कुछ भी मांग लेना जो कुछ भी उस समय इस दीपक से मांगो गी यह देगा किंतु एक ही बात इस दीपक में अजीब है यह जो तुम्हें देगा उससे दुगना तुम्हारे पड़ोसी को अवश्य देगा खुशी-खुशी दीपक को लेकर घर आई आंगन को लिपकर उसने जलता हुआ दीपक आंगन के बीच में रखकर कहा है करामाती दीपक मेरे घर का एक कमरा रुपयों से भर जाए बुड़िया ने आश्चर्य से देखा कि घर का एक कमरा रूपयो से भर गया था बुढ़िया अपने को ना रोक सकी इस चमत्कार पूर्ण घटना को बताने के लिए वह पड़ोसी के घर की ओर दौड़ी अचानक उसने देखा कि पड़ोसी इधर ही भागा आ रहा है वह बोला रवि की मां आज जाने क्या हो रहा है हमारे घर के दो कमरे रुपयों से भर गए हैं बुडीया को बहुत दुख हुआ रुपयों से भरा हुआ कमरा उसे भारी कष्ट दे रहा था बुढ़िया ने फिर दीपक को प्रणाम किया और बोली दीपक महाराज कृपा करके मेरी एक आंख फोड़ दो और एक पैर तोड़ दो तुरंत ही बुढ़िया की एक आंख और एक पैर टूट जाता है किंतु बु

एकता में बल

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  कबूतरों का राजा चित्रक अपने साथियों को लेकर एक जंगल के ऊपर से उड़ता हुआ जा रहा था अचानक एक कबूतर चिल्लाया देखो देखो नीचे अनाज के बहुत से दाने बिखरे पड़े हैं हम भूखे हैं यहां उतरकर आसानी से हम अपनी भूख मिटा सकते हैं चित्रक ने कहा पागलपन मत करो भला ऐसे भी कहीं अनाज के दाने बिखरे हुए हो सकते हैं अवश्य ही यह दाने किसी ने हमें फसाने के लिए बिखेरे हैं हमें लोग में नहीं पड़ना चाहिए नीलू नाम के कबूतर ने कहा महाराज चित्र आपने ही घबरा रहे हैं नीचे उतरकर हम कुछ ही देर में अनाज के इन दानों को खा कर फिर आकाश में उड़ने लगेंगे देखते ही देखते सारे कबूतर नीचे उतारकर अनाज के दानों पर टूट पड़े और जल्दी-जल्दी उन्हें खाने लगे अचानक कबूतरों को लगा कि वे किसी शिकारी के जाल में फंस गए हैं वह घबरा गए कुछ ने रोना शुरू कर दिया और कुछ नीलू कबूतर को भला बुरा कहने लगे चित्रक ने उन्हें समझाया भाइयों यह समय आपस में लड़ने का नहीं है अब तो एक ही उपाय है हम सब मिलकर इस जाल को पूरा कर ले चले मधुबन में कंधार नाम का एक चूहा मेरा मित्र है वह इस जाल को काटकर हम सब को बचा लेगा सब कबूतरों ने मिलकर जोर लगाया देखते ही देखते व

मेहनत का फल

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  राजस्थान के एक छोटे से गांव में दो भाई रहते थे दोनों बहुत ही मेहनती थे वह मिट्टी के बर्तन बनाया करते थे एक दिन उनके गांव में एक विदेशी महिला घूमने आई उसने उनके बर्तन देखें और उनकी बहुत तारीफ की उसने उनके दाम पूछे उन्होंने उसका दाम सिर्फ ₹5 बताएं यह सुनकर वह महिला काफी अचंभित हुई उसने कहा कि तुम लोग अपने बर्तन शहर में क्यों नहीं ले जाते वहां इन्हीं बर्तनों के दाम ₹5 की जगह 500 रुपए में मिलते हैं उन दोनों को यह बातें समझ आ गई उन्होंने भी ऐसा ही करने का निर्णय किया एक दिन सुबह सुबह दोनों भाई अपने सारे बर्तनों को लेकर शहर की तरफ निकल पड़े रास्ते में एक बहुत बड़ा रेगिस्तान पढ़ता था उनका सारा खाना और लगभग आधा पानी भी खत्म हो चुका था उनका जानवर प्यासा था इसलिए आगे बढ़ने को तैयार ही ना हुआ तभी उन्हें रेगिस्तान में दूर एक जगह घने घास दिखे तब उन्होंने सोचा कि अगर यहां घना घास है तो पानी भी जरूर होगा दोनों भाइयों ने वहां खोदना शुरू किया सुबह से शाम हो गई पर पानी ना निकला थक हार कर छोटे भाई ने हार मान ली लेकिन बड़ा भाई हार मानने को तैयार न था वह मेहनत करता गया आखिरकार अगली सुबह वहां पानी निकल ही

काल्पनिक कहानी

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  एक काल्पनिक कहानी प्रकटी नगर में एक आदर्श नागरिक रहता था जिसका नाम हराराम था। वह अपनी विचारधारा का पालन करने में शाश्वत लगा था और उसकी नीति, ईमानदारी और दृढ़ता की मान्यता पूरे नगर में थी। हर किसी ने उसे आदर से यम ही कहा था, क्योंकि उसने वास्तव में पृथ्वी पर रहने वालों को दंडित करने के लिए यमराज का शिष्य बनाया था। एक दिन, नगर के मेयर ने हरिराम को बुलाया और अद्यतन कार्यक्रम और नगर की समस्याओं के बारे में सूचित किया। हरिराम को यह समय की आवश्यकता के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर मिला। उससे पता चला कि लोगों को करारी जिंदगी से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति की जरूरत है। हराम का कार्टून सबसे अधिक हो गया और उसने नगर में विभिन्न समितियाँ स्थापित कीं। उन्होंने एक स्वास्थ्य समिति का गठन किया, जो लोगों के स्वास्थ्य और स्वस्थ्य मूल्यों को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थी। फिर एक शिक्षा समिति का गठन किया गया, जो शिक्षा के अवसरों को बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति पद के लिए व्यापक मंजूरी प्रदान करती थी। यम हरराम ने एक न्याय समिति भी बनाई, जो लोगों के मामलों की गहराई से संबंधित थी। इस समिति के निर्देशों को बढ़ाने,

छुटकू चींटी

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शीर्षक: छुटकू चींटी: एक सोचने पर मजबूर कर देने वाली कहानी नमस्ते दोस्तों, आज मैं आपके साथ एक कहानी साझा करने जा रहा हूं जो आपकी रूह को छू जाएगी। यह कहानी है "छुटकू चींटी" की, एक छोटी सी चींटी की जो दुनिया में अपनी अनूठी पहचान बनाना चाहती है। छुटकू चींटी एक आम चींटी नहीं थी। वह दूसरी चींटियों की तरह काम करने की बजाय नए और अद्वितीय चीजों को खोजने के लिए दिलचस्प रास्तों पर निकलती थी। वह चिड़ियाघर के जानवरों की तरह रहने के लिए खुद को सीमित नहीं करना चाहती थी। छुटकू चींटी के पास खुद को खोजने का अद्वितीय तरीका था और वह उसे अपने अनुभवों के माध्यम से दूसरों के साथ साझा करना चाहती थी। एक दिन, छुटकू चींटी ने एक बड़ी चीज की खोज की, जो उसकी पहली नजर में बहुत ही सामान्य लग रही थी। लेकिन जैसे ही वह उसे नजदीक से देखने लगी, उसने इसकी अद्वितीयता को देखा। छुटकू चींटी ने खुशी से फुसफुसाते हुए अपने दोस्तों के पास जाकर कहा, "देखो, मैंने कुछ ऐसा खोज लिया है जो हमारे जीवन में एक अद्वितीय बदलाव ला सकता है।" छुटकू चींटी ने अपने दोस्तों के साथ एक समूह बनाया और सबको उस अद्वितीय चीज के प्रति