मंत्री जी की पीड़ा-Mantri jee ki pida https;//rajivkamal205.blogspot.com
मंत्री जी की पीड़ा -Mantri jee ki pida
मंत्री और विभागीय सेक्रेटरी के बीच का साथ तो जब तक सूरज चांद रहेगा टाइप का है दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते लेकिन इस साहब को पीड़ा कुछ और ही है हेल्थ डिपार्टमेंट में रहे और अपनी सेहत के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जब तक चाहा कंबल ओढ़ कर पीते रहेगी
नौतन पर चर्बी चढ़ी ना सामने वाले की ही नजर में चढ़े लेकिन विभाग छूटने की पीड़ा बार-बार छलक कर जुबान पर आ ही जाती है कोई भी मिलना है तो उलाहना देना नहीं भूलते की हाकिम ने कभी विभाग के कामकाज के बारे में नहीं पूछा लेकिन अपना काम टेंडर और ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं करने का ताना देते थे अक्सर दुहाई भी देते थे कि हम तो पॉलिटिकल लोग ठहरे काम नहीं किया तो लाल बत्ती का क्या फायदा अब मिलने वाला भी साहब को तसल्ली देकर निकलता है कि जैसे सबके अच्छे दिन आए वैसे आपके भी आएंगे बस हिम्मत बनाए रखिए मंत्री जी
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