Vat Savitri Vrat Kahani
![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiy-q6Gfs5Q9B66z2X50OfIxjUViPbp7F5DUhwc-93ULuwSPwluqFsWCh4wbTT44bWgFsExAMD3rMK57pnxtmuLlEG2LUVJV2VdUC1NCAPuoBx8pXCjjXwP2NnP6tlMeKsV3vVJfBk9amXHnn_8SMtIQO7Y71GewclvL27is_4X-XofLA2SSxQhI3UveA/s320/IMG_20230517_154835.jpg)
क्यों की जाती है बट सवित्री की पूजा ऐसी मान्यता है कि जेठ अमावस्या के दिन वट वृक्ष की परिक्रमा करने पर ब्रह्मा विष्णु और महेश सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती रहने का वरदान देते हैं गांव और शहरों में हर कहीं जहां वटवृक्ष है वहां सुहागिनों का समूह परंपरागत तरीके से विश्वास के साथ पूजा करता दिखाई देगा अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए बट सावित्री की पूजा जेठ की अमावस्या पर सुहागी ने करती है कई स्थानों पर वटवृक्ष के तले सुहागिनों का ताता नजर आएगा सुहाग की कुशलता की कामना के साथ सुहागिनों ने परंपरागत तरीके से वट वृक्ष की पूजा कर व्रत रखेंगी उनके द्वारा पांच प्रकार के पकवान और इतने ही प्रकार के फल तथा अनाज भी चढ़ाए जाएंगे उसके बाद वटवृक्ष को धागा लपेट कर पूजा करके पति की लंबी उम्र की कामना की जाएगी इस दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष के पेड़ की पूजा अर्चना कर अखंड सुहाग कावर मांगती है पूजा के लिए घर से सज धज के निकली वटवृक्ष के नीचे तथा अवैध रूप में पूजन करके दिखाई देंगे कई जगहों पर बट की पूजा के लिए महिलाओं घरों से ही गुलगुले पूरी खीर हलवा के साथ सुहाग का सामान लेकर पहुंचेंगे कहीं-कहीं जल प