Lingaraj Mandir Ki Kahani
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Bhuvaneswar Ka Lingaraj Mandir लिंगराज मंदिर उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है यहां मौजूद मंदिरों में लिंगराज मंदिर को सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है इस मंदिर को 10वीं या 11वीं शताब्दी में बनवाया गया था लिंगराज मंदिर भगवान हरिहर को समर्पित एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव और विष्णु जी का ही एक रूप है लिंगराज मंदिर के बारे में लिंगराज मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है यह भुनेश्वर शहर का आकर्षण का केंद्र है इस शहर को भगवान शिव का शहर कहा जाता है और इसलिए यहां पर भारत के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर भी स्थापित है ऐसी मान्यता है कि लिट्टी और वसा नामक दो राक्षसों का वध मां पार्वती ने यहीं पर किया था लड़ाई के बाद जब उन्हें प्यास लगी तो भगवान शिव ने यहां पर एक कुएं का निर्माण कर सभी नदियों का आवाहन किया था लिंगराज मंदिर की विशेषता मंदिर का प्रांगण 150 मीटर वर्गाकार है और कलर्स की ऊंचाई 40 मीटर है प्रतिवर्ष अप्रैल महीने में यहां रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है इस मंदिर के दाएं तरफ एक छोटा सा कुआं ह जिसे लोग मरीचि कुंड के नाम से जानते हैं स्थानीय लोगों का ऐसा कह