बंदर और दो बिल्लियों की कहानी
दो बिल्लियां आपस में बहुत अच्छी दोस्त थी वे एक साथ खेलती बातें करती तथा भोजन की तलाश में जाया करती थी
एक दिन भोजन की तलाश में काफी देर तक भटकने के बाद उन्हें एक रोटी ही दिखाई दी जिस पर एक बिल्ली ने झपट्टा मारा और खाने के लिए मुंह में डालने ही जा रही थी तभी दूसरी बिजली उसे ठोकर बोली अरे तुम अकेले कैसे इस रोटी को खा सकती हो हम दोनों ने साथ में ही इस रोटी को देखा है इसलिए हमें इसे बैठकर खाना चाहिए
पहली बिल्ली ने यह सुनकर रोटी एक टुकड़ा तोड़कर दूसरी बिल्ली को दिया लेकिन वह टुकड़ा छोटा था जिसे देख कर उसे बुरा लगा और उसने कहा यह टुकड़ा तो काफी छोटा है तुम मेरे साथ बेईमानी कर रही हो तुम्हें रोटी के बराबर टुकड़े करने चाहिए
इस बात पर दोनों में बहस हो गई और झगड़ा होने लगा उसी समय वहां से मोनू बंदर गुजर रहा था मोनू बंदर ने दोनों के लड़ने के कारण पूछा तो उसने सब कुछ बता दिया
मोनू बंदर इस बात पर लड़ने की जरूरत नहीं है तुम कहो तो मेरे पास एक तराजू है जिससे मैं इस रोटी को दो बराबर हिस्से में बांट दूंगी बिल्लियां मान गई और बंदर ने तराजू निकाला और एक-एक टुकड़ा दोनों और रख दिया भूखी बिल्लियां बड़ी आंख से देख रही थी
बंदर ने जानबूझकर एक तरफ बड़ा टुकड़ा रखा दूसरी तरफ छोटा फिर बंदर बोला अरे यह क्या एक टुकड़ा दूसरे से बड़ा है चलो मैं इसे बराबर कर देता हूं यह कहकर और रोटी के बड़े टुकड़े को तोड़कर खा लेता है
फिर दूसरा टुकड़ा पहले से बड़ा हो जाता है तो बंदर उसे फिर बराबर करने के लिए बड़े टुकड़े से कुछ हिस्सा तोड़ कर खा लेता है
इस तरह यह सिलसिला चलता है और बंदर बराबर करने के लिए बड़ी रोटी को थोड़ा तोड़ कर खा लेता है जब रोटी के बिल्कुल छोटे-छोटे टुकड़े बसते हैं तो बिलिया घबराकर कहती है अरे बंदर भाई तुम क्यों परेशान हो रहे हो लाओ इस रोटी को हम लोग आपस में ही बांट लेंगे
बंदर बोला ठीक है लेकिन अब तक जो मेहनत मैंने की है उसका मेहनत आना तो लगेगा ही ना इतना कह कर वह बचे हुए रोटी के टुकड़े को भी खा जाता है दुनिया देखती रह जाती है उन्हें एहसास होता है कि हम 2 के बीच की फूट का लाभ तीसरा व्यक्ति उठा ले गया उन्होंने निर्णय किया कि अब वह झगड़ा नहीं करेंगे और साथ में ही रहेगी
शिक्षा मिलती है कि मिलजुल कर रहे हैं अन्यथा आपस की फूट में फायदा कोई और ही उठा ले जाएगा
अच्छा है।
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