ऐसे मिला छिपा खजाना


"ऐसे मिला छिपा खजाना"


बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़का नाम राजू रहता था। राजू अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से गरीब घर में रहता था और उनका आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर था। वे अपने माता-पिता की मदद करते, लेकिन फिर भी गरीबी के दिन बिताने पर मजबूर थे।

एक दिन, जब राजू ने खेलते-खेलते एक पुरानी इमारत के पास जाने का निर्णय लिया। यह इमारत बहुत पुरानी और बिगड़ी हुई लग रही थी। राजू के मन में रोमांच उभर आया और उसने सोचा कि शायद उसको यहां कुछ खास मिल सकता है।

राजू इमारत के अंदर चला गया और वहां उसे अचानक एक छिपा हुआ खजाना मिला। वह खजाना एक पुरानी खाँदान की अमानत थी, जिसका मालिक कई सालों से लापता था। राजू को उस खजाने के बारे में पता नहीं था, लेकिन उसकी बड़ी खुशी हुई कि उसने कुछ ऐसा पाया जो उसकी जिंदगी को बदल सकता था।

राजू खजाने को देखकर खुशी से झूम उठा। वह खजाना ले जाने की सोच में पड़ गया, लेकिन फिर उसे याद आया कि यह खजाना किसी और का है और उसे चोरी करना ग़लत होगा। राजू एक ईमानदार और नेक लड़का था, इसलिए उसने फैसला किया कि वह खजाना खुद किसी खाँदान के वापस कर देगा।

राजू ने वहां से खजाना उठाकर जल्दी से अपने माता-पिता के पास जाकर खुशी से बताया कि उसने एक छिपा हुआ खजाना मिला है। उन्होंने उसे देखा और चौंक गए। राजू ने खजाने की कहानी सुनाई और उनसे आग्रह किया कि हम इसे उस खाँदान को वापस कर दें, क्योंकि यह उनका ही अमानत है।

राजू की ईमानदारी और नेकी ने माता-पिता को गहराई से प्रभावित किया। वे उसे उसी दिन खाँदान के पास ले गए, जहां वे अपने खजाने के बारे में बताएं और उसे वापस कर दें।

खाँदान के सदस्य राजू के करुणापूर्ण कदम पर आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने राजू को धन्यवाद दिया और उसे अपने घर में आमंत्रित किया। वहां राजू को बहुत सम्मान और प्रेम मिला। उन्होंने उसे खाना, वस्त्र, और शिक्षा की सुविधा दी और उसे अपने परिवार का हिस्सा बना दिया।

राजू अब एक सम्पन्न और समाजसेवी व्यक्ति बन गया। उसने अपनी पढ़ाई पूरी की और उच्च शिक्षा प्राप्त की। उसने गांव के लोगों की मदद करना शुरू कर दी और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। उसने एक स्कूल खोला और गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा का आयोजन किया।

वक्त बीतता गया और राजू ने अपने जीवन में बहुत सारी सफलताएँ हासिल की। उसने एक सशक्त और सदभावपूर्ण समाज की नींव रखी और दूसरों के लिए एक मिसाल बनी।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि संघर्षों और गरीबी के बीच भी ईमानदारी और नेकी हमेशा बनी रहती है। छिपा हुआ खजाना राजू के लिए एक मौका था जो उसने सही और ईमानदारी से उपयोग किया। उसने खुद को संयमित और नेक रखकर समाज की सेवा की और अपनी सफलता का लाभ बांटा। इससे हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम दूसरों के लिए नेकी का कार्य करेंगे और ईमानदार बनेंगे, तो जीवन हमें खजाने की तरह राहत और सम्पन्नता से भर देगा।

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