तंदुरुस्ती का राज -Tandurusti ka raaz https;//rajivkamal205.blogspot.com


 तंदुरुस्ती का राज- Tandurusti ka raaz

हुजूर अलग नाम से फेमस है राजधानी में जहां और जब चाहे मांग देते हैं नक्शा और हिसाब के भी पूरे पक्के हैं कहते भी हैं कि ऐसे ही नहीं बनाया है माहौल तंदुरुस्ती का राज भी यही है किसी ने कह दिया कि है कि आप अलग मटेरियल हैं अब राजधानी वाली असली कुर्सी संभालिए

बस यह सुनना था कि हुजूर हो गए हैं रेस कार इंदु को लगा दिया है काम में अब तो झुग्गी झोपड़ी का भी हिसाब किताब कर रहे हैं बेशक जमाने भर की कब्जियत पेट सफा से दूर होती हो लेकिन साहब है पक्के गांधीवादी बगैर न्योछावर लिए इधर-उधर हिलते भी नहीं अब एक ही तमन्ना है कि मिल जाए कुर्सी तो दिखा देंगे अपनी चाल बस कूपन कटाने भर कागज का जुगाड़ हो जाए

  Rajiv Kamal. Com

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Pav Bhaji Recipe

Face powder

Nilambar Pitambar Ki Amar Kahani