Sher Ki Vijay Yojana
Sher Ki Vijay Yojana
शेर की विजय योजना
एक समय की बात है, जब जंगल का राजा शेर अपने राज्य में सुख-शांति से बास कर रहा था। वह बहुत बुद्धिमान, शक्तिशाली और साहसी था। जंगल के सभी जानवर उसे सम्मानपूर्वक देखते थे। एक दिन, उसे अपने प्रजा की तालियों की ध्वनि सुनाई दी। शेर ने अपनी सेना के साथ रास्ता प्राप्त किया और देखा कि एक दूसरा शेर उसके राज्य में प्रवेश कर रहा है।
यह दूसरा शेर बहुत बड़ा और विकट था। वह शेरों के बीच अपना राज्य स्थापित करने के इरादे से आया था। दूसरे शेर के आने की खबर शेर के सबके कान में गई और सभी जानवर डर गए। वे उनसे अपनी सुरक्षा की गुजारिश करने लगे, परंतु शेर ने कहा, "मेरे पास जितनी शक्ति है, उतनी तुम सबके पास है। हम एक साथ काम करेंगे और इस दूसरे शेर को बाहर निकालेंगे।"
शेर और उसकी सेना ने एक योजना बनाई और दूसरे शेर के सामरिक और जीवनी लक्ष्यों के बारे में जानकारी जुटाई। शेर की सेना ने अपने बलवान और आपूर्ति को संगठित किया और जंगल के एक खुदाई बिंदु पर चढ़कर खुदाई की। शेर ने खुदाई करके एक बड़े पत्थर को तैयार किया और उसे विस्फोटक मद से भर दिया।
जब दूसरा शेर उनके पास पहुंचा, शेर ने उस पत्थर को मारा और उसके साथ बड़े ही धूमधाम से धमाका कर दिया। यह देखकर दूसरा शेर डर गया और भागने की कोशिश की, लेकिन उसने खुदाई के कारण उसका पास मार्ग रोक दिया था। शेर और उसकी सेना ने अवसर का फायदा उठाया और उसे पकड़ लिया। शेर ने दूसरे शेर को उसके राज्य से बाहर निकाला और फिर से शांति और अभिवृद्धि के साथ अपने राज्य में सम्राट बना लिया।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि दृढ़ता, सहसंबंधितता और सामरिक योजना के साथ जीवन की हर मुश्किल में सफलता मिल सकती है। शेर की बुद्धिमानी, साहस और परिश्रम ने उसे विजयी बनाया और उसके राज्य को सुख-शांति से भर दिया।
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