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Dip Diet Plan दीप डाइट क्या है इसके क्या फायदे हैं

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  Dip Diet Plan - दीप डाइट क्या है इसके क्या फायदे हैं  DIP Diet Plan -   DIP डाइट डॉ बिस्वरूप जी द्वारा तैयार की गयी एक ऐसी diet है जिससे जुकाम- बुख़ार से लेकर कैंसर जैसी बड़ी बिमारियों को ठीक किया जा सकता है वो भी बिना किसी दवाई के। DIP डाईट यानी पूरी तरह से Natural Diet, जिसमें सैचुरेटेड फैट और तेल-मसाले वाले खाने की मात्रा बिल्कुल न के बराबर होती है। यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि इस डाइट को सिर्फ वही लोग लें, जो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या किसी बीमारी से परेशान हैं बल्कि DIP Diet Plan को हर कोई फ़ॉलो कर सकता है। सुबह के नाश्ते का नाम आते है हमारे दिमाग में चाय पराठा, आमलेट, पास्ता ऐसी बहुत सी चीजे याद आने लगती है। लेकिन DIP Diet का Morning Breakfast थोड़ा हट के है साथ ही बहुत रसीला और मजेदार भी है जिसको खाने के बाद आपकी बॉडी आपसे खुद बोलगी। आज तो………………………….मजा आ गया। इसमें आपको कोई 3 से 4 तरह के मौसमी फल लेने है और उनको सुबह के नाश्ते में खाना है जैसे की- 1 :- आम 2:- अंगूर 3 :-केला 4 :- सेब 5 :- अनार 6 :- पपीता 7 :- अमरुद 8 :- तरबूज कोई भी अपनी पसंद के फल जो आपको आसानी से मिल जाए, उनको आप ल

Laut aaya aatmavishvasvasas-

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"Laut aaya aatmavishvas" "लौट आया आत्मविश्वास" यह एक कहानी है एक आदमी के बारे में जिसका नाम विजय था। विजय एक आम आदमी था जो अपने जीवन में कई मुश्किलों से गुजर रहा था। उसे नौकरी में समस्याएं थीं, परिवार के मामलों में उसे तनाव था और उसका आत्मविश्वास बहुत कमजोर हो गया था। वह हर रोज़ निराश हो जाता था और अपने असफलताओं के कारण खुद को नाकाम मानता था। एक दिन, विजय एक पुराने मित्र से मिलने के लिए गाँव जा रहा था। उसका मित्र उसे एक बड़े आध्यात्मिक गुरु के पास ले गया जिसका नाम सचिनाथ था। विजय उम्मीद के साथ उस आध्यात्मिक गुरु के पास गया, उम्मीद करते हुए कि शायद उसकी समस्याओं का समाधान मिल सके। विजय ने गुरु से अपनी तकलीफें साझा कीं और उसने अपने आत्मविश्वास के बारे में भी बताया। गुरु ने उसे धीरे-धीरे सुना, और फिर कहा, "विजय, तुम्हारी समस्याओं का समाधान सिर्फ तुम्हारे अंदर है। तुम्हारा आत्मविश्वास तभी मजबूत होगा जब तुम खुद को और अपनी क्षमताओं को समझोगे।" गुरु ने विजय को ध्यान देने को कहा और उसे मार्गदर्शन दिया कि कैसे वह अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों को जागृत कर सकता है

Tapakane ka darr:- टपकने का डर

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 Tapakane ka dar:- टपकने का डर किसी गांव में एक बुढ़िया रहती थी घर में छोटे-बड़े कई सदस्य थे उसका बेटा और पोते उसका बड़ा ख्याल रखते थे उसका सबसे छोटा पोता उसके पास ही सोता था और सोते समय दादी से कहानियां सुनता दादी उसे खूब सारी कहानियां सुनाती एक था राजा एक थी रानी उनकी एक छोटी सी राजकुमारी भी थी परी जैसी प्यारी कहानी आगे बढ़ती इससे पहले ही वह सो जाता उस वक्त वहां बारिश बहुत हुई इतनी हुई कि बंद होने का नाम ना लेती अच्छे-अच्छे मकानों की छत टपकने लगी फिर बेचारी उस बुढ़िया की टूटी फूटी तक की क्या बिसात पानी की बूंदे हर जगह तब तक टपक रही थी दादी ने पोते को उस और सुला दिया जहां पानी नहीं टपक रहा था लेकिन पोते की नींद नहीं आ रही थी पानी अभी भी बरस रहा था चारों ओर अंधेरा था  घोर अंधकार दादी मुझे तो बड़ा डर लग रहा है सब तरफ अंधेरा ही अंधेरा है आपको डर नहीं लगता पोते ने पूछा और डर काहे का देख मुझे किसी से डर नहीं लगता अगर लगता है तो सबसे बड़ा डर तबके का है दादी ने पोते की हिम्मत बंधाई उस दिन एक शेर आंधी पानी से घबराकर बुढ़िया के अंधेरे घर में 8 छिपा था गुड़िया की बात सेल ने सुनी तो एक बात सोचने

Pure ek hazar:- पूरे एक हजार

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 Pure ek hazar:- पूरे एक हजार म***** नसीरुद्दीन रोज सुबह अपने आंगन में प्रार्थना करता था और चिल्लाकर कहता था या अल्लाह मुझे 1000 दिनार दे हजार यानी हजार एक कम एक ज्यादा 999 भी देगा तो मैं उसे हाथ तक नहीं लगाऊंगा सुन लेना मुला की प्रार्थना उसके पड़ोसी रहीम चाचा रोज सुनते थे उन्होंने सोचा देखें मुल्लाह सच कह रहा है या झूठ एक दिन मुल्लाह प्रार्थना कर रहा था कि रहीम चाचा ने एक थैली में 999 दिनार डालकर मुला के आगे फेंक दी और छुपकर देखने लगे कि अब मुल्लाह क्या करता है मुला ने प्रार्थना के बाद आंखें खोली तो सामने थैली पड़ी पाई इधर उधर देखा कोई नहीं उसने हाथ उठाकर खुशी से अल्लाह का शुक्रिया अदा किया फिर खोलकर सिक्के गिने तो 999 निकले तो आखिर तूने 999 ही दिए कह कर म***** ने थैली उठाई और घर में रख दी 2 दिन हुए 4 दिन हुए अब मूल्य ना तो पहले की तरह प्रार्थना करता नो थैली बाहर निकालता रहीम चाचा से रहा नहीं गया म***** के पास गए और बोले क्या बात है आजकल प्रार्थना बंद है मुल्लाह ने कहा पता नहीं कौन कमबख्त मेरे आगे 999 दिनार वाली थैली थक गया अल्लाह तो गणित में इतना कच्चा हो नहीं सकता वह थैली भी मेरी है

Buddhiman Raja:- बुद्धिमान राजा

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 Buddhiman Raja:- बुद्धिमान राजा सैकड़ों वर्ष पुरानी बात है चीन में एक निर्दई राजा राज्य करता था वह अपनी प्रजा पर तरह तरह के अत्याचार करता था उसके महामंत्री ने उसे राज्य को बढ़ाने की सलाह दी महामंत्री की सलाह उसे ठीक लगी उसने सेना में सैनिकों की भर्ती प्रारंभ कर दी कुछ ही समय में उसके पास विशाल सेना इकट्ठी हो गई उसने सेना को आसपास के पड़ोसी राज्यों पर आक्रमण करने का आदेश दिया बिना और हिंसा से बचने के लिए पड़ोसी राजाओं ने बिना लड़े ही हार मान ली उन्होंने विजई राजा को धन और सैनिक उपहार में दिए एक पराजित राजा ने उसे हम भारत के कलिंग पर देश की समृद्धि के विषय में बताया उसने अपनी सेना को भारत की ओर कूच करने का आदेश दिया उसकी सेना नदी नाले समुद्र पार करती छोटे बड़े राज्यों को रौंदकर हुई आज के सिंगापुर तक पहुंच गई उसने वहां पढ़ा डाला वहां नौकाओं जहाजों तथा वस्तुओं का निर्माण शुरू कर दिया भारत के कलिंग प्रदेश के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए उसने चारों दिशाओं में दूत भेज दिए कलिंग के राजा को भी इस आक्रमण के बारे में जानकारी मिली उसके पास प्रशिक्षित सेना थी अच्छी सैन्य सामग्री थी इसके बा

Haar ki jeet:- हार की जीत

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 Haar ki meet:- हार की जीत गांव के बाहर के मंदिर में बाबा भारती नाम के एक साधु रहते थे उनके पास एक बढ़िया घोड़ा था जिसे वे सुल्तान कहते थे वैसा घोड़ा आसपास के किसी गांव में ना था बाबा भारती अपने हाथ से सुल्तान को दाना खिलाते थे जब तक शाम को बाबा सुल्तान पर 810 मिल का चक्कर ना लगा लेते उन्हें चैन ना आता इस इलाके में खड़क सिंह नाम का एक डाकू था लोग उसके नाम से कांपते थे खड़क सिंह ने भी सुल्तान के बारे में सुना एक दिन वह बाबा भारती के पास पहुंचा बाबा ने पूछा कहो खड़क सिंह क्या हाल है खड़क सिंह ने उत्तर दिया मैं बिल्कुल ठीक हूं बाबा ने पूछा कहो मेरे पास कैसे आए खड़क सिंह ने कहा आप के घोड़े सुल्तान की बहुत प्रशंसा सुनी थी इसीलिए देखने चला आया उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी कहते हैं देखने में भी बड़ा सुंदर है  बाबा भारती उसे अस्तबल में ले गए बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से खड़क सिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से ऐसा बांका घोड़ा उसने कभी ना देखा था बाल को किसी अधीरता से बोला बाबा जी इसकी चाल ना देखी तो क्या बाबा जी भी मनुष्य ही थे अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय अधीर हो उठ

RajivKamal kahaniya Patile ki mrityu:- पतीले की मृत्यु

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 पतीले की मृत्यु:-Patile ki mrityu अकबर के राज्य में एक बर्तनों का व्यापारी था वह बहुत ही बेईमान था बादशाह उसकी शिकायतें सुनकर परेशान हो चुके थे बादशाह ने बीरबल से कहा कि तुम शीघ्र पता लगाओ कि वास्तव में या व्यापारी ठगी कर रहा है मामले की छानबीन करने पर बीरबल को पता चला कि वह व्यापारी वास्तव में बेईमान है बीरबल ने उसे सबक सिखाने का निश्चय कर लिया एक दिन बीरबल व्यापारी के पास गया और 3 दिन के लिए दो पतीले किराए पर ले आया जब बीरबल पतीले लौटाने गया तो एक छोटा पतीला और अपने साथ ले गया तीनों पतीले व्यापारी को देते हुए कहने लगा जनाब तुम्हारे दोनों पतीले ने एक छोटे पतीले को जन्म दिया है इसलिए तुम्हारा है आप इसे भी रख लीजिए व्यापारी लालची था उसने खुश होकर तीनों पतीले रख लिए कुछ दिन बाद व्यापारी के पास जाकर बीरबल एक बड़ा पतीला किराए पर ले आया बीरबल दो दिनों बाद व्यापारी के पास खाली हाथ चला गया बीरबल को खाली हाथ देखकर व्यापारी बोला पतीला कहां है जनाब आप के पतीले की मृत्यु हो गई बीरबल ने कहा क्या कह रहे हो पतीले भी कभी मरता है व्यापारी बोला बड़े ही शांत स्वभाव से बीरबल बोला जब बड़ा पतीला छोटे पतील