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तंदुरुस्ती का राज -Tandurusti ka raaz https;//rajivkamal205.blogspot.com

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 तंदुरुस्ती का राज- Tandurusti ka raaz हुजूर अलग नाम से फेमस है राजधानी में जहां और जब चाहे मांग देते हैं नक्शा और हिसाब के भी पूरे पक्के हैं कहते भी हैं कि ऐसे ही नहीं बनाया है माहौल तंदुरुस्ती का राज भी यही है किसी ने कह दिया कि है कि आप अलग मटेरियल हैं अब राजधानी वाली असली कुर्सी संभालिए बस यह सुनना था कि हुजूर हो गए हैं रेस कार इंदु को लगा दिया है काम में अब तो झुग्गी झोपड़ी का भी हिसाब किताब कर रहे हैं बेशक जमाने भर की कब्जियत पेट सफा से दूर होती हो लेकिन साहब है पक्के गांधीवादी बगैर न्योछावर लिए इधर-उधर हिलते भी नहीं अब एक ही तमन्ना है कि मिल जाए कुर्सी तो दिखा देंगे अपनी चाल बस कूपन कटाने भर कागज का जुगाड़ हो जाए   Rajiv Kamal. Com

मंत्री जी की पीड़ा-Mantri jee ki pida https;//rajivkamal205.blogspot.com

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 मंत्री जी की पीड़ा -Mantri jee ki pida मंत्री और विभागीय सेक्रेटरी के बीच का साथ तो जब तक सूरज चांद रहेगा टाइप का है दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते लेकिन इस साहब को पीड़ा कुछ और ही है हेल्थ डिपार्टमेंट में रहे और अपनी सेहत के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जब तक चाहा कंबल ओढ़ कर पीते रहेगी नौतन पर चर्बी चढ़ी ना सामने वाले की ही नजर में चढ़े लेकिन विभाग छूटने की पीड़ा बार-बार छलक कर जुबान पर आ ही जाती है कोई भी मिलना है तो उलाहना देना नहीं भूलते की हाकिम ने कभी विभाग के कामकाज के बारे में नहीं पूछा लेकिन अपना काम टेंडर और ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं करने का ताना देते थे अक्सर दुहाई भी देते थे कि हम तो पॉलिटिकल लोग ठहरे काम नहीं किया तो लाल बत्ती का क्या फायदा अब मिलने वाला भी साहब को तसल्ली देकर निकलता है कि जैसे सबके अच्छे दिन आए वैसे आपके भी आएंगे बस हिम्मत बनाए रखिए मंत्री जी Rajiv Kamal.Com

Sher Ki Vijay Yojana

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Sher Ki Vijay Yojana शेर की विजय योजना एक समय की बात है, जब जंगल का राजा शेर अपने राज्य में सुख-शांति से बास कर रहा था। वह बहुत बुद्धिमान, शक्तिशाली और साहसी था। जंगल के सभी जानवर उसे सम्मानपूर्वक देखते थे। एक दिन, उसे अपने प्रजा की तालियों की ध्वनि सुनाई दी। शेर ने अपनी सेना के साथ रास्ता प्राप्त किया और देखा कि एक दूसरा शेर उसके राज्य में प्रवेश कर रहा है। यह दूसरा शेर बहुत बड़ा और विकट था। वह शेरों के बीच अपना राज्य स्थापित करने के इरादे से आया था। दूसरे शेर के आने की खबर शेर के सबके कान में गई और सभी जानवर डर गए। वे उनसे अपनी सुरक्षा की गुजारिश करने लगे, परंतु शेर ने कहा, "मेरे पास जितनी शक्ति है, उतनी तुम सबके पास है। हम एक साथ काम करेंगे और इस दूसरे शेर को बाहर निकालेंगे।" शेर और उसकी सेना ने एक योजना बनाई और दूसरे शेर के सामरिक और जीवनी लक्ष्यों के बारे में जानकारी जुटाई। शेर की सेना ने अपने बलवान और आपूर्ति को संगठित किया और जंगल के एक खुदाई बिंदु पर चढ़कर खुदाई की। शेर ने खुदाई करके एक बड़े पत्थर को तैयार किया और उसे विस्फोटक मद से भर दिया। जब दूसरा शेर उनके पास पहु

अकल की दुकान

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एक था रौनक जैसा नाम वैसा रूप अक्ल भी उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था एक दिन उसने घर के बाहर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा यहां अकल बिकती है उसका घर बीच बाजार में था हर आने जाने वाला वहां से जरूर गुजरता था हर कोई बोर्ड देखता हंसना और आगे बढ़ जाता रौनक को विश्वास था कि उसकी दुकान एक दिन जरूर चलेगी एक दिन एक अमीर महाजन का बेटा वहां से गुजरा दुकान देख कर उसे रहा नहीं गया उसने अंदर जाकर रौनक से पूछा यहां कैसी अकल मिलती है और उसकी कीमत क्या है उसने कहा यह इस बात पर निर्भर करता है कि तुम इस पर कितना पैसा खर्च कर सकते हो गंपू ने जेब से ₹1 निकालकर पूछा इस रुपए के बदले कौन सी अकल मिलेगी और कितनी भाई ₹1 की अकल से तुम ₹100000 बचा सकते हो गंपू ने ₹1 दिया बदले में रौनक ने एक कागज पर लिखकर दिया जहां दो आदमी लड़ झगड़ रहे हो वहां खड़े रहना बेवकूफी है गंपू घर पहुंचा और उसने अपने पिता को कागज दिखाया कंजूस पिता ने कागज पड़ा तो वह गुस्से से आगबबूला हो गया गंपू को कोसते हुए वह पहुंचा अकल की दुकान कागज की पर्ची रौनक के सामने फेंकते हुए चिल्लाया वह रुपया लौटा दो जो मेरे बेटे ने तुम्हें दिया था रौनक ने कहा ठीक ह

अक्कू की ट्रेन यात्रा

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शीर्षक: अक्कू की ट्रेन यात्रा नमस्ते दोस्तों, मैंने हाल ही में एक रोमांचक ट्रेन यात्रा की, जिसका नाम है "अक्कू की ट्रेन यात्रा"। मैं बेहद उत्साहित था इस यात्रा के बारे में, क्योंकि यह मेरी पहली ट्रेन यात्रा थी। यह एक अद्वितीय और यादगार अनुभव था, जिसे मैं शेयर करना चाहता हूँ। मेरी यात्रा उत्तर भारत के एक शहर से शुरू हुई और उसी शहर में समाप्त हुई। यह एक लंबी यात्रा थी, जिसमें हमने अनेक राज्यों के मध्य से गुजरा। पूरे सफर में, मैंने खूबसूरत पहाड़ों, घाटियों, और धार्मिक स्थलों की देखभाल की। ट्रेन के यात्रा वातावरण में एक खास मज़ा है। सभी यात्रियों के साथ बातचीत करना, अनजान लोगों के साथ दोस्ती करना और खाने-पीने का मज़ा लेना, सभी एक अद्वितीय अनुभव है। मैंने बहुत सारे रोचक किस्से सुने और देश के विभिन्न हिस्सों की जीवनशैली देखी। यात्रा के दौरान, मैंने रेलगाड़ी की झीलों को देखा, पहाड़ों के बीच चलते हुए मनमोहक दृश्यों का आनंद लिया और ताजगी के लिए खिड़की से हवा लिया। मैंने यात्रा के दौरान आपूर्ति कर्मियों की मेहनत और प्रयास का भी महसूस किया, जो यात्रा को सुचारू रूप से चलाने में लगे

घोड़े के पैरों में नाल क्यों लगाया जाता है

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 क्या आपने कभी घोड़े को सड़क पर दौड़ते हुए ध्यान से देखा है उसके पैर के नीचे एक लोहे का नाल लगा हुआ होता है ऐसा केवल घोड़े में ही होता है क्योंकि घोड़े के पैर को पांव के अंगूठे में तथा चौड़े अग्रभाग में विभाजित किया गया है जबकि अन्य पशुओं में पंजे तथा नाखून होते हैं परंतु घोड़े के पैर की अंगुली के आसपास खून होता है क्षेत्र कोई संवेदना या दर्द महसूस नहीं कर सकता है क्योंकि यह मृतकों का बना होता है ऐसा ही एक उदाहरण हमारे नाखूनों का है जो कि मृतकों से बने हैं तथा इनको काटने पर हमें दर्द नहीं होता घोड़ा जब चल्या दौड़ रहा होता है तो उसकी एड़ी जमीन को नहीं छुट्टी है घोड़े के पैर के बीच का हिस्सा या केंद्र नरम होता है उसे राग कहा जाता है जब घोड़ा सवार या भारी बोझ उठाकर चलता है तो उसके खुर जमीन से टकराते हैं तब पुर का मुलायम हिस्सा भार को सहन न कर पाने की वजह से जमीन से टकराकर चोटिल होकर फूल जाता है इससे यह पशु लंगड़ा हो सकता है खुद को इस प्रकार चोट से बचाने के लिए घोड़े के नाल फूलों पर लगाए जाते हैं यह नाखूनों के मुलायम हिस्से की रक्षा करते हैं तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि घोड़ा अपने पैरों की

नेवला और ब्राह्मण की पत्नी

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एक गांव में ब्रह्म दत्त नाम का ब्राम्हण अपने परिवार के साथ रहता था जब ब्राह्मण की पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया था तब वे दोनों बहुत खुश हुए बच्चे के बड़े होने पर ब्राह्मण की पत्नी एक पालतू पशु चाहती थी ब्राम्हण नेवले का एक छोटा बच्चा ले आया जिसके साथ उनका बच्चा खेल सके बचाने वाले के साथ बहुत खुश रहता था ब्राह्मण की पत्नी नेवले की देखभाल बहुत अच्छे से करती थी एक दिन ब्राह्मण की पत्नी घड़ा लेकर पास से ही पानी लाने के लिए घर से चली गई उस दिन ब्राह्मण भी घर पर नहीं था बच्चा पालने में घर पर सो रहा था तभी एक सांप घर में आ गया और बच्चे की ओर रेंगने लगा मैंने आपको देखते ही उस पर हमला कर दिया और मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए सांप को मारने के कारण नेवले के मुंह पर फोन लग गया नेवला घर के दरवाजे पर आकर ब्राह्मण की पत्नी का इंतजार करने लगा के मुंह पर खून लगा देखकर ब्राह्मण की पत्नी डर गई उसे लगा कि मैंने उसके बच्चे की काटकर जान ले ली क्रोध में ब्राह्मण की पत्नी ने पानी से भरा घड़ा नेवले पर फेंक दिया जिसकी वजह से वहीं पर मर गया बच्चे को देखने के लिए वह अंदर भागे उसने देखा कि बच्चा पालने में सो रहा