संदेश

Kahaniya in hindi with moral - दो पहलवान की कहानी

चित्र
 Kahaniya in Hindi with moral - दो पहलवान की कहानी मुख्य जोर सिंह और धरती पटक सिंह दो नामी पहलवान थे धरती पटक सिंह ने अनेक जंगलों में बलशाली पहलवानों को हराकर उन्हें अनेक पुरस्कार जीते थे वह अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए घंटों व्यायाम करता है पौष्टिक भोजन और उनका भोजन सामान्य व्यक्ति द्वारा खाए जाने वाले भोजन से बहुत अधिक होता था उनका नाम सुनकर अच्छे-अच्छे बलशाली पहलवानों के होश उड़ जाते थे परंतु मुख्य जोर सिंह उनके नाम से बिल्कुल नहीं डरता था मुंह जोर सिंह को कभी किसी ने कुश्ती लड़ने नहीं देखा था इसके बावजूद उनकी प्रशंसा का डंका चारों ओर बज तथा धरती पटक सिंह के दिल में जोर सिंह को पटकने का बहुत बड़ा अरमान था जोर सिंह अक्सर कहता कि धरती पटक सिंह को उसने कई बार पटका है वह उनके नाम से ही डरता है उसकी डिंग और से की भरी बातें सुन सुन कर एक दिन धरती पटक सिंह कुश्ती लड़ने के लिए उसके घर की ओर चल पड़ा धरती पटक सिंह ने रास्ते में रुक कर एक ढाबे पर खाना खाया उस ढाब का सारा आटा और एक बार में खा गया फिर उसमें एक तालाब पर पानी पिया तलाब से बहुत कम पानी बचा पेट भरने के बाद उसने डकार ली और तालाब के

लाभदायक किचन टिप्स- Labhadayak kitchen tips

चित्र
 लाभदायक किचन टिप्स- Labhadayak kitchen tips  1- गुड़ की चाशनी बनाते समय अगर कड़ाही में थोड़ा सा घी या तेल लगा देंगे तो चासनी कड़ाही में नहीं चिपकेगी 2- गुलाब जामुन को एकदम सॉफ्ट और अंदर से रसीला जालीदार बनाने के लिए खोवा में थोड़ा सा पनीर डालकर मिलाएं गुलाब जामुन एकदम रसीले मुलायम और स्वादिष्ट बनेंगे 3- केले का गुच्छा लटका कर रखने से केला 5 से  6 दिनों तक खराब नहीं होगा 4- अगर फ्रिज में से बदबू आ रही है तो एक कटोरी में लकड़ी का कोयला भरकर फ्रिज में रखें इससे फ्रिज में से बदबू गायब हो जाएगी 5- हरी मिर्च की डंडी तोड़कर फ्रिज में रखने से हरी मिर्च अधिक से अधिक समय तक ताजी बनी रहती है 6- प्याज फ्राई करते समय एक चुटकी चीनी डालें इससे प्याज जल्दी वह कुरकुरा भूनेगा 7- यदि दूध की मलाई में एक चम्मच चीनी डालकर फेटा जाए तो मक्खन ज्यादा मात्रा में निकलता है 8- आम के अचार को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए उसे बीच-बीच में धूप दिखाते रहे और अचार को किसी सूखे जगह पर ही रखें और जब आपको अचार खाने का मन हो तो सूखे सा चम्मच से थोड़ा सा निकाल कर अलग कर ले बार-बार अचार में हाथ ना लगाएं तभी अचार आपका लंबे सम

विज्ञान के लाभ हानि:-Vigyan ke labh hani

चित्र
 विज्ञान के लाभ हानि:-Vigyan ke labh hani आज विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है कि संपूर्ण संसार में उसी का साम्राज्य है आज हर क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है विज्ञान ने स्वर्ग की सुंदर कल्पना को इस पृथ्वी पर साकार करने में कसर नहीं छोड़ी है यह विज्ञान का ही चमत्कार है कि गर्मी में सर्दी एवं सर्दी में गर्मी का आनंद लिया जा सकता है वैज्ञानिक उपकरणों ने थल जल तथा वायु पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है विज्ञान के आविष्कार रॉकेट विमानों तथा जलयानों ने समय को बांध दिया है उसके अविष्कारों ने समुद्र का वक्षस्थल चीर दिया है पृथ्वी के अंदर छिपी धातुओं को खोज निकाला है विज्ञान पहाड़ों को तोड़कर मार्ग बना सकता है नदियों के प्रवाह की गति को रोक सकता है तथा समुद्रों को लांग सकता है चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की उपलब्धियां अत्यंत महत्वपूर्ण तथा विस्मित कर देने वाली है हृदय प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सा स्कैनिंग एक्सरे आदि इस बात के प्रमाण हैं कि अनेक असाध्य रोगों पर विज्ञान ने विजय प्राप्त कर ली है कृषि के क्षेत्र में नए नए अविष्कारों अनुसंधान उसे आज का किसान केवल प्रकृति की कृपा पर निर्भर नहीं रहा है आज अ

लालच का फल:-Lalach ka phal

चित्र
 लालच का फल:-Lalach ka phal एक आदमी बहुत लालची था वह धन पाने के लिए उचित अनुचित की परवाह नहीं करता था एक बार उसके घर एक साधु आया उसकी पत्नी ने साधु की खूब सेवा की साधु ने प्रसन्न होकर सेवा के बदले उन्हें एक मुर्गी दी जो प्रतिदिन सोने का अंडा देती थी लालची व्यक्ति सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को पाकर बहुत प्रसन्न हुआ वह प्रतिदिन सोने के अंडे को बाजार जाकर बेच देता थोड़े ही दिनों में हुआ धनवान बन गया परंतु वह और भी धनवान बनने की सोचता रहता था 1 दिन उस लालची व्यक्ति को एक विचार सूझा उसने सोचा यह मुर्गी प्रतिदिन सोने का एक-एक अंडा देती है मुझे रोजाना एक अंडा लेकर बाजार जाना पड़ता है यदि मुझे सारे अंडे एक ही बार मिल जाए तो मैं संसार का सबसे धनवान व्यक्ति बन जाऊंगा उसने मुर्गी को पकड़ लिया और छोरी लेकर उसका पेट चीर डाला मुर्गी तुरंत मर गई परंतु यह क्या उसके पेट में तो एक भी अंडा नहीं था उसके हाथ ना तो अंडे ही लगे और ना ही मुर्गी मुर्गी नहीं रही तो अंडा कहां से आएगा वह अपनी करनी पर बहुत पछताया शिक्षा:- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए -----------

चिड़िया का घोंसला:-Chidiya ka ghosala

चित्र
 चिड़िया का घोंसला:-Chidiya ka ghosala दोपहर का समय था सूर्य की तेज गर्मी से पृथ्वी का शरीर तक रहा था वृक्षों के पत्ते मुरझाए हुए थे मानो किसी और भयंकर कांड की आशंका से सांस ही साधे खड़े हैं इसी समय अपने छोटे से घोसले के भीतर बैठे हुए चातक पुत्र ने कहा पिताजी बाहर की सहज कोमल वनस्थली के वर्तमान रूखे पान की तरह ही वह स्वर कुछ निराश था चातक ने अपनी चोंच कुमार की पीठ पर फिरते हुए प्यार से कहा क्या है बेटा है और क्या प्यास के मारे चोट तक आ गए हैं बेटा अधीर ना हो समय सदा एक सा नहीं रहता है चातक ने कहा तब उसके पुत्र ने कहा तो यही तो मैं भी कहता हूं समय सदा एक सा नहीं रहता पुरानी बातें पुराने समय के लिए थी आप अब भी उन्हें इस तरह छाती से चिपकाए हुए हैं जिस तरह वानरी मरे हुए बच्चे को चिपकाए रहती है बरसात की बात आप जो ते रहिए अब मुझसे यह नहीं साध सकता बरसात के सिवा हम और किसी का जल ग्रहण नहीं करते यही हमारे कुल का व्रत है इस व्रत के कारण अपने गोत्र में ना तो किसी की मृत्यु हुई और ना कोई दूसरा अनर्थ आप कहते हैं कोई आना नहीं हुआ मैं कहता हूं प्यास की यंत्रणा से बढ़कर और क्या अनर्थ होगा जहां से भी

संतोष का फल:-Santosh ka phal

चित्र
 संतोष का फल:-Santosh ka phal अफ्रीका में अकाल पड़ गया लोग भूखों मरने लगे एक छोटे नगर में एक धनी दयालु पुरुष थे उन्होंने सभी छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक रोटी देने की घोषणा की दूसरे दिन सवेरे एक बगीचे में सब बच्चे इकट्ठे हुए उन्हें रोटियां बांटी जाने लगी रोटियां छोटी बड़ी थी सब बच्चे एक दूसरे को धक्का देकर बड़ी रोटी पाने का प्रयत्न कर रहे थे केवल एक छोटी लड़की एक और चुपचाप खड़ी थी वह सब के बाद आगे बड़ी टोकरी में सबसे छोटी अंतिम रोटी बची थी उसने उसे प्रसन्नता से ले लिया और घर चली आई दूसरे दिन फिर रोटियां बाटी गई उस बेचारी लड़की को आज भी सबसे छोटी रोटी मिली लड़की ने घर पहुंचकर जब रोटी थोड़ी तो रोटी में से सोने की एक मुहर निकली उसकी माता ने कहा मुहर उस धनी को दे आओ लड़की मोहर देने के लिए दौड़ी धनी ने उसे देखकर पूछा तुम क्यों आई हो लड़की ने कहा मेरी रोटी से यह मुहर निकली है आटे में गिर गई होगी देने आई हूं आप अपनी मुहर ले लीजिए धनी ने कहा नहीं बेटी यह तुम्हारे संतोष का पुरस्कार है लड़की ने सिर हिला कर कहां पर मेरे संतोष का फल तो मुझे मिल गया क्योंकि मुझे धक्के नहीं खाने पड़े धनी बहुत प्रसन्न

जैसा संग वैसा रंग:-Jaisa sang vaisa rang

चित्र
 जैसा संग वैसा रंग:-Jaisa sang vaisa rang बाजार में एक तोता बेचने वाला आया उसके पास दो पिंजरे थे दोनों में एक एक तोता था उसने एक तोते का मूल्य रखा था ₹500 और दूसरे का ₹5 वहां के राजा बाजार में आए तो थे वाले की पुकार सुनकर उन्होंने हाथी को रोककर पूछा इन दोनों के मूल्यों में इतना अंतर क्यों है तोते वाले ने उत्तर दिया आप इनको ले जाएंगे तो अपने आप पता लग जाएगा राजा ने दोनों तोते ले लिए जब रात में राजा सोने लगे तो उन्होंने कहा कि ₹500 वाले तोते का पिंजरा मेरे पलंग के पास टांग दिया जाए जैसे ही प्रातः 4:00 बजे तोते ने बोलना आरंभ कर दिया राम राम सीताराम तोते ने खूब सुंदर भजन गाए सुंदर श्लोक पढ़े राजा बहुत प्रसन्न हुए दूसरे दिन उन्होंने दूसरे तोते का पिंजरा पास रखवाया जैसे ही सवेरा हुआ उस तोते ने गंदी गंदी गालियां देनी आरंभ कर दी राजा को बड़ा क्रोध आया उन्होंने नौकर से कहा इस दुष्ट को मार डालो पहला तोता पास ही था उसने नम्रता से प्रार्थना की राजन इसे मत मारो यह मेरा सगा भाई है हम दोनों एक साथ जाल में फंसे थे मुझे एक संत ने ले लिया उनके यहां मैं भजन सीख गया इसे एक बदमाश ने ले लिया वहां इसने गाली