Kahaniya in hindi with moral - दो पहलवान की कहानी
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Kahaniya in Hindi with moral - दो पहलवान की कहानी मुख्य जोर सिंह और धरती पटक सिंह दो नामी पहलवान थे धरती पटक सिंह ने अनेक जंगलों में बलशाली पहलवानों को हराकर उन्हें अनेक पुरस्कार जीते थे वह अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए घंटों व्यायाम करता है पौष्टिक भोजन और उनका भोजन सामान्य व्यक्ति द्वारा खाए जाने वाले भोजन से बहुत अधिक होता था उनका नाम सुनकर अच्छे-अच्छे बलशाली पहलवानों के होश उड़ जाते थे परंतु मुख्य जोर सिंह उनके नाम से बिल्कुल नहीं डरता था मुंह जोर सिंह को कभी किसी ने कुश्ती लड़ने नहीं देखा था इसके बावजूद उनकी प्रशंसा का डंका चारों ओर बज तथा धरती पटक सिंह के दिल में जोर सिंह को पटकने का बहुत बड़ा अरमान था जोर सिंह अक्सर कहता कि धरती पटक सिंह को उसने कई बार पटका है वह उनके नाम से ही डरता है उसकी डिंग और से की भरी बातें सुन सुन कर एक दिन धरती पटक सिंह कुश्ती लड़ने के लिए उसके घर की ओर चल पड़ा धरती पटक सिंह ने रास्ते में रुक कर एक ढाबे पर खाना खाया उस ढाब का सारा आटा और एक बार में खा गया फिर उसमें एक तालाब पर पानी पिया तलाब से बहुत कम पानी बचा पेट भरने के बाद उसने डकार ली और तालाब के